- रिपोर्ट: ज्ञानेश वर्मा
लखनऊ। इस समाज में हर एक आम आदमी अपना अहम योगदान दे सकता है किसी न किसी माध्यम से यह कहना है आनंद नारायण का आज हम बात करेंगे चित्रकार, साहित्यकार व कवि आनंद नारायण की जो अपनी चित्रकारी व कविताओं के माध्यम से समाज को जागरूक करने का काम कर रहे हैं और अपने चित्रकारी के माध्यम से अपनी तस्वीरों में कभी बनारस के घाट को कभी राम की नगरी को कभी प्राकृतिक के मनमोहक दृश्य को क्या खूब कैनवस पर उतारने का काम किया करते हैं। इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा या समाज सेवी संस्थाओं द्वारा उनको कई सम्मानों से नवाजा जा चुका है जो अपनी कविताओं के माध्यम से भी कहीं ना कहीं समाज को आईना दिखाने का काम कर रहे हैं। हम ऐसी शख्सियत की बात कर रहे हैं जो किसान के बेटे थे।
उत्तर प्रदेश में इंटरमीडिएट पढ़ाई करने के बाद वह राजधानी दिल्ली पहुंचे और फिर यहीं से शुरू हुई उनके संघर्ष की कहानी। आज आनंद नारायण अपनी पहचान की मोहताज नहीं है आज वह पेंसिल, कलर व रचनाओं कविताओं के माध्यम से समाज के हितों के लिए समाज की अच्छाइयों और बुराइयों को अपने कैनवास पर क्या खूब उतारने का काम कर रहे हैं। इस क्षेत्र में उत्तर प्रदेश ललित कला अकादमी द्वारा सम्मानित ख्याति प्राप्त चित्रकार व कवि आनंद नारायण को नवाजा जा चुका है।