भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने आज रेपो रेट में 0.25% की कटौती कर इसे 6.25% कर दिया है। यह कदम अर्थव्यवस्था को गति देने और किफायती लोन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से उठाया गया है। इस फैसले से मकान खरीदने की योजना बना रहे लोगों को राहत मिलेगी, क्योंकि इससे होम लोन की ब्याज दरें घटेंगी।
हाउसिंग सेक्टर को मिलेगा बल
रियल एस्टेट से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि इस फैसले से हाउसिंग सेक्टर को मजबूती मिलेगी। नेशनल रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल (NAREDCO) के अध्यक्ष जी. हरि बाबू के अनुसार, कम ब्याज दर से मकानों की बिक्री में बढ़ोतरी होगी और नई परियोजनाओं को भी बढ़ावा मिलेगा।
डेवलपर्स के लिए नए अवसर
रेपो रेट में कटौती से डेवलपर्स को भी फायदा होगा। क्रेडाई (CREDAI) के अध्यक्ष बोमन ईरानी ने कहा कि यह फैसला बजट में की गई घोषणाओं के अनुरूप है, और इससे नए प्रोजेक्ट्स शुरू करने में आसानी होगी। निर्माण लागत कम होने से डेवलपर्स अधिक निवेश करेंगे, जिससे खरीदारों को बेहतर विकल्प मिलेंगे।
अफोर्डेबल हाउसिंग सेगमेंट को बढ़ावा
विशेषज्ञों का मानना है कि किफायती और मध्यम आय वर्ग के लिए यह निर्णय बेहद फायदेमंद रहेगा। सिग्नेचर ग्लोबल के चेयरमैन प्रदीप अग्रवाल ने कहा कि सरकार किफायती आवास को प्राथमिकता दे रही है, और इस फैसले से इस क्षेत्र में तेजी आएगी।
बिक्री और निवेश में संभावित बढ़ोतरी
मिगसन ग्रुप के प्रबंध निदेशक यश मिगलानी का मानना है कि इस कटौती से कर्ज लेना आसान होगा, जिससे लोग अधिक निवेश करेंगे। प्रतीक ग्रुप के प्रतीक तिवारी ने कहा कि इससे नई बुकिंग्स में इजाफा होगा और रियल एस्टेट सेक्टर को मजबूती मिलेगी।
अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव
विशेषज्ञों के अनुसार, यह फैसला न केवल रियल एस्टेट बल्कि पूरी अर्थव्यवस्था के लिए फायदेमंद साबित होगा। सीबीआरई के चेयरमैन अंशुमान मैगजीन के मुताबिक, कम ब्याज दरों से नकदी प्रवाह बढ़ेगा, जिससे विकास को गति मिलेगी।
भविष्य में और कटौती की उम्मीद
अगली मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक में ब्याज दरों में और कटौती संभव है, जिससे रियल एस्टेट और अन्य क्षेत्रों को भी बढ़ावा मिलेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह निर्णय निवेश और विकास को मजबूती देगा और देश की आर्थिक स्थिति को और सशक्त करेगा।