नई दिल्ली। रक्षाबंधन का पर्व हिंदू धर्म में पौराणिक काल से मनाया जा रहा है और यह भाई-बहन के अटूट बंधन के प्रतीक के रूप में हर साल श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन मनाया जाता है। इस वर्ष रक्षाबंधन का त्योहार 19 अगस्त 2024, सोमवार के दिन मनाया जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, राखी के त्यौहार पर पूजा-पाठ करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है।
रक्षाबंधन से जुड़ी कई कथाएं प्रचलित हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि सबसे पहले अपनी कलाई पर राखी किसने बंधवाई थी? आइए जानते हैं-
यमराज और यमुना से जुड़ी रक्षाबंधन की पौराणिक कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, यमराज और यमुना भाई-बहन थे। यमुना, मृत्यु के देवता यमराज को अपना भाई मानती थीं और उनके लंबी उम्र की कामना करते हुए यमराज की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधा था। इसके बाद यमराज ने यमुना को अमरत्व का वरदान दिया था। शास्त्रों के अनुसार, रक्षाबंधन के दिन जो व्यक्ति अपनी बहन से कलाई पर राखी बंधवाता है, उसे आरोग्यता का आशीर्वाद प्राप्त होता है और अकाल मृत्यु का भय दूर हो जाता है।
राजा बलि और माता लक्ष्मी से जुड़ी कथा
रक्षाबंधन से जुड़ी एक अन्य पौराणिक कथा राजा बलि और माता लक्ष्मी की है। कथा के अनुसार, राजा बलि ने अश्वमेध यज्ञ का आयोजन किया था। तब भगवान विष्णु ने वामन अवतार धारण कर तीन पग धरती दान के रूप में मांगी थी। इसके बाद राजा बलि ने भगवान वामन से पाताल लोक में रहने का आशीर्वाद मांगा। एक बार माता लक्ष्मी, राजा बलि के पास अपना स्वरूप बदलकर गईं और कहा कि उनका कोई भाई नहीं है। राजा बलि ने माता लक्ष्मी की बात सुनकर कहा, “आज से मैं आपका भाई हूं।” तब माता लक्ष्मी ने राजा बलि की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधा और तभी से इस त्योहार को मनाया जाने लगा।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई सभी जानकारियां सामाजिक और धार्मिक आस्था पर आधारित हैं। khabre junction इसकी पुष्टि नहीं करता।