नई दिल्ली। धर्म शास्त्रों के अनुसार, रक्षाबंधन का पर्व श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती हैं और उनके मंगलमयी जीवन की कामना करती हैं।
इस वर्ष रक्षाबंधन पर भद्रा का साया होने के कारण राखी बांधने के समय को लेकर आम जनता में संशय बना हुआ है। कुछ लोगों का मानना है कि भद्रा का निवास पृथ्वी पर न होने से रक्षाबंधन का कार्य किया जा सकता है।
हालांकि, शास्त्रों के अनुसार, भद्रा काल में रक्षाबंधन करना वर्जित माना गया है। विभिन्न शास्त्रों में यह स्पष्ट किया गया है कि भद्रा के समय में राखी बांधने या बंधवाने से दोनों को प्रतिकूल परिणामों का सामना करना पड़ता है क्योंकि देवी भद्रा का स्वभाव विनाशकारी माना गया है। इसलिए, भद्रा काल में राखी बांधने से बचना चाहिए।
रक्षाबंधन 2024 शुभ मुहूर्त
रक्षाबंधन का त्योहार भाई-बहन के पवित्र प्रेम का प्रतीक है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर उनसे अपनी रक्षा का वचन लेती हैं।
इस साल सावन की पूर्णिमा तिथि रविवार/सोमवार की मध्यरात्रि में सुबह 2 बजकर 21 मिनट से शुरू होगी और तिथि का समापन सोमवार/मंगलवार की मध्यरात्रि 12 बजकर 28 मिनट पर होगा। इस दिन रक्षाबंधन पर भद्रा का साया दिन में 1:25 बजे तक रहेगा। भद्रा काल में शुभ कार्य करने से बचना चाहिए, इसलिए राखी बांधने का शुभ समय दोपहर 1:25 बजे के बाद शुरू होगा। इस समय के बाद राखी बांधना शास्त्रों के अनुसार उचित माना गया है।