नई दिल्ली: लोकसभा के बाद अब राज्यसभा ने भी वक्फ संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी है। बुधवार को लोकसभा में यह बिल पेश किया गया था, जिस पर करीब 12 घंटे तक व्यापक चर्चा हुई और देर रात इसे पारित कर दिया गया। लोकसभा में विधेयक के पक्ष में 288 वोट पड़े, जबकि 232 सांसदों ने विरोध किया। वहीं, राज्यसभा में इसे 128 सांसदों का समर्थन मिला, जबकि 95 ने इसके खिलाफ मतदान किया।
विपक्ष ने इस विधेयक का विरोध करते हुए इसे मुसलमानों के अधिकारों के खिलाफ बताया, जबकि सरकार ने इसे ऐतिहासिक सुधार करार दिया। केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री करेन रिजिजू ने कहा कि इस विधेयक से लाखों लोगों को लाभ मिलेगा और इससे पारदर्शिता बढ़ेगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इसका उद्देश्य किसी समुदाय के अधिकारों को सीमित करना नहीं, बल्कि वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को अधिक प्रभावी और जवाबदेह बनाना है।
अब यह विधेयक राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा, जहां से मंजूरी मिलने के बाद यह कानून का रूप ले लेगा। सरकार का दावा है कि इससे वक्फ संपत्तियों की निगरानी बेहतर होगी और अनियमितताओं को रोकने में मदद मिलेगी, जबकि विपक्ष इसे असंवैधानिक बताते हुए राष्ट्रपति से हस्ताक्षर न करने की अपील कर सकता है।
इसी के चलते, जुमे की नमाज के बाद किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना न हो, इसके लिए देशभर में पुलिस और पैरा मिलिट्री बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। सुरक्षा एजेंसियां संवेदनशील इलाकों में निगरानी बढ़ा रही हैं, ताकि शांति व्यवस्था बनी रहे।
वहीं, कुछ राजनीतिक दलों ने इस विधेयक के खिलाफ सड़कों पर उतरने का आह्वान किया है। विपक्षी दलों का कहना है कि यह बिल अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर सीधा हमला है और इसे तुरंत वापस लिया जाना चाहिए। कई संगठनों ने विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी है, जिससे कानून-व्यवस्था को लेकर प्रशासन सतर्क हो गया है।