अलवर : राजस्थान के अलवर नगर निगम के राजस्व अधिकारी युवराज मीणा को 3 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए एसीबी (एंटी करप्शन ब्यूरो) ने जयपुर में विधानसभा के बाहर रंगे हाथ गिरफ्तार किया। आरोपी युवराज मीणा ने रिश्वत लेने के लिए एक प्राइवेट व्यक्ति को साथ लाकर विधानसभा के गेट पर उतारा और रकम ली। हालांकि, एसीबी ने मौके पर ही राजस्व अधिकारी को ट्रेप कर लिया और उसे गिरफ्तार कर लिया।
रिश्वत की मांग का मामला
एसीबी के अनुसार, यह रिश्वत अलवर नगर निगम में यूडी टैक्स वसूलने वाली एक कंपनी से उसके कामकाज को आगे बढ़ाने के बदले में मांगी गई थी। इस कंपनी ने अक्टूबर और नवंबर माह के बीच अलवर में यूडी टैक्स का टेंडर लिया था। युवराज मीणा ने कंपनी के कामकाज की फाइल को आगे बढ़ाने के बदले में रिश्वत की मांग की थी।
आरोपी का भाई ED में अधिकारी, गिरफ्तार टीम में था शामिल
यह मामला और भी चौंकाने वाला है क्योंकि आरोपी युवराज मीणा का भाई प्रवर्तन निदेशालय (ED) में अधिकारी है और वह अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार करने वाली टीम का हिस्सा था। इस तथ्य ने पूरे मामले को और जटिल बना दिया है, जिससे अधिकारियों के बीच रिश्तों और भ्रष्टाचार के बारे में गंभीर सवाल उठ रहे हैं।
घर और कार्यालय पर की गई सर्च
एसीबी के मुताबिक, युवराज मीणा जयपुर के आमेर में रहता है, और उसकी गिरफ्तारी के बाद एसीबी ने उसके घर पर भी देर रात सर्च ऑपरेशन चलाया। अलवर नगर निगम के कार्यालय में भी छानबीन की गई, जहाँ अधिकारियों ने फाइलों, प्रॉपर्टी दस्तावेजों और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेजों की जांच की। इस सर्च से यह संकेत मिलते हैं कि आरोपी अधिकारी के पास संदिग्ध संपत्ति हो सकती है, और भ्रष्टाचार के और भी कई मामले उजागर हो सकते हैं।