राहुल गांधी का सरकार पर हमला: चीन मॉडल और अमेरिका से रिश्तों पर सवाल उठाए
चीन से जुड़ा आरोप और 'मेक इन इंडिया' पर टिप्पणी
नई दिल्ली: लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सोमवार को केंद्र सरकार पर हमला करते हुए चीन के साथ सीमा विवाद और ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम के विफल होने को जोड़ते हुए आरोप लगाया कि चीन की आक्रामकता भारत के कमजोर औद्योगिक ढांचे का परिणाम है। उन्होंने भाजपा सरकार को चेतावनी दी कि यदि ‘मेक इन इंडिया’ सफल नहीं हुआ तो चीन के आक्रमण का सामना करना पड़ेगा।
गांधी ने सदन में अपनी टिप्पणी में कहा, “चीन हमारे क्षेत्र में घुसपैठ कर चुका है क्योंकि ‘मेक इन इंडिया’ विफल हो चुका है।” इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि युद्ध केवल सेना और हथियारों से नहीं लड़े जाते, बल्कि यह औद्योगिक प्रणालियों के बीच भी लड़ा जाता है और चीन का औद्योगिक ढांचा भारत से कहीं मजबूत है।
अमेरिका के साथ रिश्तों पर सवाल
राहुल गांधी ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि विदेश मंत्री एस जयशंकर को प्रधानमंत्री के लिए डोनाल्ड ट्रंप के उद्घाटन समारोह में निमंत्रण हासिल करने के लिए अमेरिका भेजा गया था। इस पर विदेश मंत्री ने गांधी के बयान को झूठा करार देते हुए कहा कि यह बयान राष्ट्र के लिए हानिकारक हो सकता है।
राहुल गांधी के इस आरोप पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने हस्तक्षेप करते हुए गांधी से प्रमाण देने की मांग की।
मैक इन इंडिया की विफलता और युवाओं के लिए नीतियों की कमी
गांधी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते हुए कहा कि चीन तकनीकी और उत्पादन के मामले में भारत से 10 साल आगे है। उन्होंने कहा कि भारत को यह अनुमति नहीं दी जा सकती कि चीन उत्पादन क्रांति में सबसे आगे रहे। गांधी ने कहा कि हमें इस समय चीन से मुकाबला करने के लिए अपनी उत्पादन प्रणाली को मजबूत करना होगा।
गांधी ने यह भी माना कि पिछले कुछ वर्षों में चाहे वह यूपीए हो या एनडीए, सरकारें रोजगार के मुद्दे को हल करने में विफल रही हैं।
कांग्रेस की ओर से चीन और सरकार की आलोचना
राहुल गांधी ने यह भी कहा कि चीन के साथ यदि युद्ध हुआ, तो यह चीन के बैटरियों, ऑप्टिक्स और रोबोट्स के खिलाफ होगा। उन्होंने कहा कि भारत को भविष्य में अपने बच्चों के लिए उत्पादन लाइन बनानी होगी।
इसके बाद, केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने गांधी के आरोपों को फर्जी करार दिया और कहा कि ऐसी बातें देश के लिए ठीक नहीं हैं। उन्होंने गांधी से गंभीर रहने की अपील की।
चीन-भारत सीमा विवाद और वर्तमान स्थिति
यह घटनाक्रम ऐसे समय पर हुआ जब भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव में कुछ कमी आई है, लेकिन गतिरोध अब भी बना हुआ है। 2020 में लद्दाख सेक्टर में शुरू हुआ विवाद, जिसमें गैलवान घाटी में हिंसक झड़पें हुई थीं, दो देशों के संबंधों को सबसे निचले स्तर पर ले आया था।
हाल ही में, भारत और चीन ने अपनी सेनाओं की वापसी के लिए एक समझौता किया है और दोनों देशों के विदेश और रक्षा मंत्रियों ने एक दूसरे से मुलाकात की है।
कांग्रेस की पुरानी मांगें और प्रधानमंत्री की चुप्पी
कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने कई बार संसद में चीन के मुद्दे पर चर्चा की मांग की है। राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए इसे विदेशी नीति की विफलता करार दिया था।