पूराबाजार: सांप्रदायिक एकता की मिसाल, हिंदू-मुस्लिम समरसता का अनूठा संगम

अयोध्या। पूराबाजार क्षेत्र वर्षों से सांप्रदायिक एकता और सामाजिक समरसता का प्रतीक बना हुआ है। इस क्षेत्र में हिंदू और मुस्लिम समुदाय के लोग एक-दूसरे के त्योहारों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं और एक-दूसरे के धर्म और परंपराओं का गहरा सम्मान करते हैं। यहां का माहौल गंगा-जमुनी तहजीब का आदर्श उदाहरण प्रस्तुत करता है, जहां धार्मिक और जातीय भेदभाव का कोई स्थान नहीं है।

सामाजिक समरसता अभियान के अंतर्गत आयोजित मासिक बैठक में वरिष्ठ क्षत्रिय नेता जंग बहादुर सिंह ने कहा, “पूराबाजार किसी एक धर्म या भाषा में बंधा नहीं है। यहां सभी धर्मों के लोग अमन और भाईचारे के साथ रहते हैं, और जरूरत के वक्त एक-दूसरे का सहयोग करते हैं।” भाजपा नेता भगवान बक्श सिंह ने भी इस एकता को सराहा और बताया कि यहाँ हिंदू और मुस्लिम समुदाय पीढ़ियों से होली, दिवाली, ईद और बकरीद जैसे त्योहार मिल-जुलकर मनाते आ रहे हैं।

क्षत्रिय नेता राजेन्द्र सिंह ने कहा कि दोनों समुदाय के लोग निःस्वार्थ भाव से एक-दूसरे की सहायता करते हैं। वहीं, समाजसेवी रणविजय सिंह ने मुस्लिम समुदाय की मदद के कई उदाहरण दिए और प्रेम, समर्पण और त्याग की भावना को सराहा। इस बैठक के बाद रणविजय सिंह के संयोजन में एक विशाल समरसता भोज का आयोजन किया गया, जिसमें क्षेत्र के हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों के गणमान्य व्यक्तियों ने हिस्सा लिया।

इस अवसर पर राजेन्द्र प्रसाद सिंह, डॉ. रफीक अहमद, रईस अहमद, नरसिंह सिंह, रमेश सिंह, सुशील सिंह, लखपत सिंह, अश्विन सिंह, अशोक सिंह, भगत सिंह, डॉ. आनंद गोपाल सिंह, नरेंद्र सिंह, पूर्व ब्लॉक प्रमुख धर्मराज, कपिल देव सिंह, वीरेंद्र सिंह, और रानू सिंह मास्टर जैसे प्रतिष्ठित लोग उपस्थित रहे। पूराबाजार में दिखने वाली यह सांप्रदायिक समरसता पूरे अयोध्या जनपद के लिए प्रेरणास्त्रोत है।

 

 

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