बाल विवाह मुक्त भारत थीम पर आयोजित हुआ कार्यक्रम: एक कुप्रथा के खिलाफ जागरूकता अभियान

बदायूं। आज दिनांक 27 नवंबर 2024 को आकांक्षा समिति की सचिव श्रीमती डॉ. रूबी शर्मा के नेतृत्व में अयोध्या देवी इंटर कॉलेज, उलोना, बदायूं में बाल विवाह मुक्त भारत थीम पर एक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर उपस्थित सभी बालक-बालिकाओं को भारत सरकार द्वारा विज्ञान भवन, दिल्ली से चल रहे लाइव प्रसारण के माध्यम से जागरूक किया गया।

बाल विवाह के दुष्परिणाम
डॉ. रूबी शर्मा ने बाल विवाह को समाज के लिए एक गंभीर समस्या बताते हुए कहा कि इसका सबसे अधिक प्रभाव लड़कियों के जीवन पर पड़ता है। उन्होंने बताया:

बाल विवाह के कारण लड़कियों के स्कूल छोड़ने की संभावना बढ़ जाती है।
कम उम्र में मां बनने से नवजात शिशु कुपोषण का शिकार हो जाते हैं।
मां के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ता है।
लड़कियां अपने भविष्य का बेहतर निर्माण नहीं कर पातीं।
विशेषज्ञों का संदेश
मीना सिंह, सचिव काशी समाज संस्थान और आकांक्षा समिति की सदस्य, ने कहा कि बाल विवाह से बालक-बालिकाओं का भविष्य अंधकारमय हो जाता है। कम उम्र में ही उन्हें परिवार की जिम्मेदारियों का बोझ उठाना पड़ता है। उन्होंने बच्चों को चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 नंबर की जानकारी देते हुए बाल विवाह की सूचना देने का आह्वान किया।

संस्था कोऑर्डिनेटर, काशी समाज संस्थान ने विवाह की निर्धारित आयु (लड़कियों के लिए 18 वर्ष और लड़कों के लिए 21 वर्ष) बताते हुए बाल विवाह के दुष्प्रभाव पर प्रकाश डाला।

प्रतीक्षा मिश्रा, सेंटर मैनेजर और आकांक्षा समिति की सदस्य, ने बाल विवाह अधिनियम 2006 की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि निर्धारित उम्र से पहले शादी कराने पर सजा का प्रावधान है। बाल विवाह को बालिग होने के 2 साल के भीतर शून्य घोषित किया जा सकता है।

सहायता नंबर और सहयोग
कार्यक्रम के दौरान बाल विवाह की शिकायत के लिए हेल्पलाइन नंबर 1098 और 121 की जानकारी दी गई। साथ ही वन स्टॉप सेंटर और चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 की कार्यप्रणाली के बारे में विस्तार से बताया गया।

उपस्थित गणमान्य
कार्यक्रम में गंगा सिंह, प्रोग्राम मैनेजर; मनाली, काउंसलर, काशी समाज संस्थान; प्रधानाचार्य और अन्य अध्यापकगण का विशेष सहयोग रहा। सभी ने मिलकर बाल विवाह मुक्त भारत के संकल्प को मजबूत करने का आह्वान किया।

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