नई दिल्ली: वर्षों की अटकलों के बाद, कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने आखिरकार लोकसभा में प्रवेश कर लिया है। उन्होंने वायनाड सीट से 4.1 लाख से अधिक वोटों के अंतर से जीत दर्ज की, जो उनके भाई राहुल गांधी की इसी सीट से पिछली जीत को भी पीछे छोड़ती है।
52 वर्षीय प्रियंका अब संसद में अपनी मां सोनिया गांधी और भाई राहुल गांधी के साथ शामिल हो गई हैं, जो एक ही परिवार के तीन सदस्यों के एक साथ संसद में होने का दुर्लभ उदाहरण है।
कांग्रेस को नया संजीवनी देने की उम्मीद
प्रियंका गांधी का संसद में आगमन कांग्रेस पार्टी के लिए बेहद कठिन समय पर हुआ है। हरियाणा और महाराष्ट्र में हालिया चुनावी हार से जूझ रही पार्टी को प्रियंका से नई ऊर्जा और दिशा मिलने की उम्मीद है।
राजनीतिक सफर: देर आए, दुरुस्त आए
प्रियंका गांधी का राजनीति में प्रवेश काफी समय तक सवालों और अटकलों का विषय बना रहा। 1999 में उन्होंने कहा था कि राजनीति में उनका प्रवेश “बहुत लंबे समय” बाद हो सकता है। आखिरकार, उन्होंने 2019 में कांग्रेस महासचिव के रूप में सक्रिय राजनीति में कदम रखा।
2024 के लोकसभा चुनाव में उनकी मेहनत रंग लाई। उन्होंने 16 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में 108 जनसभाएं और रोड शो किए, जिससे कांग्रेस ने 99 सीटें जीतीं, जो 2019 के 52 सीटों की तुलना में लगभग दोगुना है।
जनता से जुड़ने की अनोखी कला
प्रियंका गांधी की तुलना अक्सर उनकी दादी इंदिरा गांधी से की जाती है। उनके भाषणों की शैली लोगों से सीधा संवाद करने जैसी होती है। वे न केवल राष्ट्रीय मुद्दों पर खुलकर बोलती हैं बल्कि व्यक्तिगत अनुभव साझा कर भावनात्मक जुड़ाव भी स्थापित करती हैं।
वायनाड से उम्मीदें
वायनाड उपचुनाव में प्रियंका गांधी को उम्मीदवार बनाने की घोषणा कांग्रेस ने जून 2024 में की थी। राहुल गांधी ने इस सीट को खाली कर रायबरेली पर ध्यान केंद्रित करने का निर्णय लिया।
प्रियंका ने वायनाड की जनता से वादा किया, “मैं उनकी (राहुल गांधी की) अनुपस्थिति का अहसास नहीं होने दूंगी।” उन्होंने जोर देकर कहा कि वह क्षेत्र की बेहतरी के लिए पूरी मेहनत करेंगी।
व्यक्तिगत जीवन और शिक्षा
प्रियंका गांधी का जन्म 12 जनवरी 1972 को हुआ। उन्होंने दिल्ली के मॉडर्न स्कूल और कॉन्वेंट ऑफ जीसस एंड मैरी से पढ़ाई की। उनके पास दिल्ली विश्वविद्यालय से मनोविज्ञान में स्नातक और बौद्ध अध्ययन में परास्नातक की डिग्री है। वे बिजनेसमैन रॉबर्ट वाड्रा की पत्नी और दो बच्चों, रेहान और मिराया, की मां हैं।
भविष्य की राह
प्रियंका गांधी का लोकसभा में प्रवेश कांग्रेस कार्यकर्ताओं के लिए नई उम्मीद लेकर आया है। उनके समर्थक मानते हैं कि उनकी करिश्माई शैली और नेतृत्व क्षमता पार्टी को उसकी खोई हुई जमीन वापस दिला सकती है।
कांग्रेस के लिए प्रियंका गांधी का यह कदम कितना प्रभावी होगा, यह आने वाले समय में देखने को मिलेगा। लेकिन इतना तय है कि उनका यह सफर भारतीय राजनीति के नए अध्याय की शुरुआत है।