भारत के राष्ट्रपति ने चौथी औद्योगिक क्रांति में शैक्षणिक संस्थानों की भूमिका पर जोर दिया

- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जे.सी. बोस विश्वविद्यालय के 5वें दीक्षांत समारोह को संबोधित किया छात्रों और शोधकर्ताओं को 1536 डिग्री प्रदान की गईं

फरीदाबाद, 21 अगस्त – भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने आज चौथी औद्योगिक क्रांति द्वारा प्रस्तुत चुनौतियों का समाधान करने और अवसरों का लाभ उठाने में जे.सी. बोस विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय जैसे शैक्षणिक संस्थानों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला।

वह हरियाणा के फरीदाबाद में जे.सी. बोस विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए के 5वें दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रही थीं। दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता हरियाणा के राज्यपाल और विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री बंडारू दत्तात्रेय ने की और कुलपति प्रो. सुशील कुमार तोमर भी मौजूद थे। राष्ट्रपति ने राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय की उपस्थिति में 13 पीएचडी डिग्री प्रदान की और छात्रों को 2 पदक और प्रमाण पत्र प्रदान किए।

राष्ट्रपति ने पूर्व छात्र संघ के योगदान को मजबूत और प्रभावी बनाने के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि शैक्षणिक संस्थानों को चौथी औद्योगिक क्रांति की तकनीकी प्रगति को आगे बढ़ाने के लिए अनुसंधान और नवाचार में अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए। वर्ष 2023 में अपनी डिग्री पूरी करने वाले कुल 1536 छात्रों और शोधकर्ताओं को डिग्री प्रदान की गई, जिनमें 998 स्नातक, 525 स्नातकोत्तर और 13 पीएचडी शामिल हैं। प्राप्तकर्ताओं में 874 लड़के और 662 लड़कियां थीं। दो मेधावी छात्राओं को स्वर्ण पदक प्रदान किए गए: इशिता जुनेजा को समग्र बी.टेक टॉपर के रूप में 75,000 रुपये का राज्यपाल-कुलपति स्वर्ण पदक मिला, और काजल शर्मा को समग्र बी.टेक छात्रा टॉपर के रूप में 65,000 रुपये का मुख्यमंत्री स्वर्ण पदक मिला।

राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मू ने विद्यार्थियों को उनके दीक्षांत समारोह पर बधाई दी तथा महिलाओं के महत्वपूर्ण प्रतिनिधित्व का उल्लेख किया, जिसमें डिग्री प्राप्त करने वालों में 43 प्रतिशत लड़कियाँ थीं। उन्होंने इस अनुपात में सुधार देखने की इच्छा व्यक्त की।

राष्ट्रपति ने जे.सी. बोस युवा वैज्ञानिक पुरस्कार की शुरूआत तथा अनुसंधान के लिए प्रारंभिक धन के प्रावधानों सहित अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालय के प्रयासों की प्रशंसा की। उन्होंने औद्योगिक तथा शैक्षणिक संस्थानों के साथ समझौता ज्ञापन तथा बहुराष्ट्रीय कंपनियों के सहयोग से उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना जैसी विश्वविद्यालय की पहलों की भी सराहना की।

श्रीमती मुर्मू ने चौथी औद्योगिक क्रांति में शैक्षणिक संस्थानों की भूमिका पर जोर दिया तथा कहा कि जे.सी. बोस विश्वविद्यालय अनुसंधान तथा जांच में अग्रणी होकर दूसरों के लिए एक उदाहरण स्थापित कर सकता है। उन्होंने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) अनुसंधान तथा वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देने पर केंद्रित है, जिसमें समग्र शिक्षा, स्नातक पाठ्यक्रमों में अनुसंधान तथा इंटर्नशिप को शामिल करने तथा गुणवत्तापूर्ण अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन की स्थापना पर जोर दिया गया है।

राष्ट्रपति ने एनईपी को लागू करने तथा इसके लक्ष्यों के अनुरूप शिक्षा प्रदान करने की विश्वविद्यालय की पहल की सराहना की। उन्होंने पांच दशकों से अधिक समय से युवाओं को कुशल और आत्मनिर्भर बनाने में संस्थान के योगदान को भी स्वीकार किया और पूर्व छात्रों की प्रभावशाली सूची पर प्रकाश डाला, जो विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं और छात्रों को वित्तीय और मार्गदर्शन के माध्यम से सहायता कर रहे हैं। श्रीमती मुर्मू ने सुझाव दिया कि शैक्षणिक संस्थानों को पूर्व छात्र संघ की भूमिका को मजबूत और अधिक प्रभावी बनाने के लिए कदम उठाने चाहिए। उन्होंने महान वैज्ञानिक जगदीश चंद्र बोस को आधुनिक विज्ञान का अग्रदूत और छात्रों के लिए प्रौद्योगिकी के माध्यम से सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रेरणा का स्रोत बताया। अपने अध्यक्षीय भाषण में राज्यपाल श्री दत्तात्रेय ने दीक्षांत समारोह में महिला शोधकर्ताओं की महत्वपूर्ण भागीदारी की सराहना की और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उनकी बढ़ती उपस्थिति और योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने वैश्विक तकनीकी परिदृश्य पर देश की स्थिति को ऊपर उठाने में प्रौद्योगिकी स्नातकों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। श्री दत्तात्रेय ने सफल दीक्षांत समारोह के लिए विश्वविद्यालय को हार्दिक बधाई दी और अपनी उपाधियां और पदक प्राप्त करने वाले सभी छात्रों को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं। इससे पहले, अपने स्वागत भाषण में कुलपति प्रो. सुशील कुमार तोमर ने सभी विशिष्ट अतिथियों का गर्मजोशी से स्वागत किया और विश्वविद्यालय की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होंने पिछले वर्षों में विश्वविद्यालय की उल्लेखनीय उपलब्धियों पर प्रकाश डाला, तथा विभिन्न गुणवत्ता मापदंडों पर इसके सिद्ध ट्रैक रिकॉर्ड पर जोर दिया। प्रो. तोमर ने कहा कि विश्वविद्यालय वर्तमान में 60 से अधिक विविध पाठ्यक्रम प्रदान करता है, जो व्यापक शिक्षा के प्रति इसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

उन्होंने उपस्थित लोगों को बताया कि विश्वविद्यालय ने शैक्षणिक वर्ष 2023-24 से प्रभावी राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 को लागू करने के लिए सक्रिय कदम उठाए हैं। इसमें शोध कार्य को बढ़ावा देने, स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने, नवाचार को बढ़ावा देने और प्लेसमेंट गतिविधियों को बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया गया है।

समारोह का समापन राष्ट्रगान के गायन के साथ हुआ। इस अवसर पर हरियाणा के मुख्य सचिव श्री टी.वी.एस.एन. प्रसाद, पुलिस महानिदेशक श्री शत्रुजीत कपूर, पुलिस आयुक्त फरीदाबाद ओ.पी. नरवाल, उपायुक्त विक्रम सिंह सहित विश्वविद्यालय के विभिन्न निकायों के सदस्य, पूर्व छात्र संघ के सदस्य और जिला प्रशासन के अधिकारी भी उपस्थित थे।

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