गणतंत्र दिवस की महत्वता के विषय में बताते हुए इस तरह से करें स्पीच की तैयारी

गणतंत्र दिवस : देश में 26 जनवरी की तैयारी जोरों शोरों से चल रही है, जिस पर बच्चे बड़े और जवान सभी अपने स्कूल, कॉलेज और कार्यालय में तरह-तरह के प्रोग्राम आयोजित करते हैं और इस दिन के महत्व के बारे में एक भाषण तैयार कर सभी को इस दिन की महत्वता और योगदान के विषय में बताते हैं। जैसे कि भारतीय संविधान 26 जनवरी 1950 ई. को लागू हुआ था, तभी से यह दिन गणतंत्र दिवस के रूप में जाना जाने लगा और लोग इसको प्रत्येक वर्ष एक त्यौहार की भांति मानने लगे। जब हमारा देश 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजी हुकूमत से आजाद हुआ था तो उस समय भारत के पास अपना कोई भी संविधान नहीं था। जिसके चलते बाद में डॉक्टर भीम राव अंबेडकर ने एक समिति का गठन किया था और उस समय भारतीय संविधान का मसौदा तैयार हुआ।

भारत में हर साल गणतंत्र दिवस (republic day) 26 जनवरी के दिन मनाया जाता है, जिसके चलते पूरे भारत में जगह-जगह पर कई तरह की झांकी निकाली जाती है साथ ही भारत को आजाद करने में अपना लहू बहाकर योगदान देने वाले सभी महान व्यक्तियों को याद किया जाता हैं। 26 जनवरी को भारतीय सेना के जवान एक रैली निकालते हुए अपना शौर्य व पराक्रम दिखाते हैं और स्कूल में इस दिन को लेकर स्पीच का आयोजन किया जाता है। जिसके बारे में लिखते समय छात्र-छात्राएं काफी मुश्किल में पड़ जाते हैं और उनको समझ नहीं आता की कैसे वह अपनी स्पीच को लोगों के सामने प्रस्तुत करें। वहीं हम आपको आज के इस आर्टिकल में बताएंगे।

आपको सबसे पहले स्टेज पर जाकर मुख्य अतिथि को व वहां मौजूद सभी लोगों को परिणाम करना है और अपना परिचय देते हुए तत्पश्चात अपना भाषण शुरू करना है।

स्पीच की किस तरह से करें शुरुआत

जैसे कि हम सभी जानते हैं कि भारतीय संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ था और तब से हम सब इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में हमेशा से मनाते आ रहे हैं। आपको बता दे कि कई लोगों के दृढ़ निश्चय व परिश्रम से जब हमारा देश 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजी हुकूमत से आजाद हुआ था तो उसे समय भारत के पास अपना कोई संविधान नहीं था, लेकिन बाद में डॉ. भीमराव अंबेडकर के नेतृत्व में एक समिति का काफी विचार–विमर्श करने के पश्चात गठन किया गया और भारतीय संविधान का मसौदा तैयार हुआ। इसके पश्चात इस भारतीय संविधान के मसौदे को विधान परिषद के समक्ष प्रस्तुत किया गया और 26 नवंबर 1949 में इसको अपनाया गया लेकिन 26 जनवरी 1950 में इसे प्रभावी रूप से लागू किया गया था।

आपको बता दे 1950 में संविधान के लागू होने के पश्चात से प्रत्येक भारतीय इस दिन को एक त्यौहार के रूप में मानने लगा और आज भी हम सब यहां इस स्पेशल दिन को मनाने के लिए एकत्र हुए हैं, जो हमें मजबूत राष्ट्र के रूप में आगे बढ़ाने का साहस और प्रेरणा देता है। यह दिन हमें भारत गणराज्य की स्थापना की याद दिलाता है। साथ ही इस दिन हम उन महापुरुषों को भी याद करते हैं जिन्होंने भारत को स्वतंत्रता दिलवाले और भारतीय संविधान को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इन सभी की बदौलत ही भारत आज एक गणराज्य देश कहलाता है। बता दें कि हमारे महान भारतीय नेताओं और स्वतंत्रता सेनानियों में महात्मा गांधी, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, लाला लाजपत राय, सरदार वल्लभभाई पटेल और लाल बहादुर शास्त्री जैसे आदि कई नेताओं का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपने प्राणों को देश पर न्योछावर कर दिया।

देश में इस वर्ष 73वां गणतंत्र दिवस मनाया जा रहा है। गणतंत्र का अर्थ है– देश में रहने वाले लोगों की सर्वोच्च शक्ति और केवल जनता को ही देश को सही दिशा में ले जाने के लिए अपने प्रतिनिधियों और राजनीतिक नेता के रूप में चुने का अधिकार है। भारतीय संविधान की शक्तियों के कारण ही हम देश में अपने पसंद का प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री और अन्य नेताओं को चुनते हैं। जो हमारे देश को शहीद दिशा में ले जाने का कार्य करते हैं। हमारे भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों ने भारत में पूर्ण स्वराज के लिए 200 वर्षों से अधिक समय तक संघर्ष किया है। उन्होंने ऐसा इसलिए किया था ताकि उनकी आने वाली पीढियां को किसी का गुलाम बनकर न रहना पड़े और स्वतंत्रता के रूप में अपने अधिकारों का हर कोई निर्वहन कर सके।

आज के दिन हम सभी भारतीयों को यह प्रतिज्ञा करनी होगी कि हमें भी अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए आने वाली पीढ़ियों के लिए बेहतर भविष्य बनाना होगा साथ ही हम सब मिलकर सशक्त भारत का निर्माण करेंगे। सभी नागरिकों को संविधान के प्रति सजग करेंगे और सबको समान रूप से जीने का अवसर प्रदान करेंगे।

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