नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ पुलिस को आश्वासन दिया है कि नक्सल गतिविधियों पर जारी कार्रवाई के लिए उन्हें हथियारों और दूरसंचार उपकरणों जैसे सभी आवश्यक संसाधन 20 दिनों के भीतर उपलब्ध कराए जाएंगे। शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए शाह ने जोर देकर कहा कि अब देश में नक्सल समस्या पर “अंतिम प्रहार” करने का समय आ गया है और इस मुद्दे से निपटने के लिए “मजबूत और निर्मम रणनीति” की जरूरत है।
शाह ने छत्तीसगढ़ के रायपुर में वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) पर एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करने के बाद प्रेस से बात की, जहां उन्होंने मार्च 2026 तक भारत को “नक्सल मुक्त” बनाने का लक्ष्य भी निर्धारित किया। इस बैठक में शामिल अधिकारियों ने कहा कि गृह मंत्री ने सीमावर्ती क्षेत्रों में अभियान चलाने के लिए राज्य पुलिस बलों के साथ सहयोग पर विशेष जोर दिया।
नक्सलियों की गतिविधियों पर कड़ी निगरानी
शाह ने बैठक में नक्सल प्रभावित राज्यों के डीजीपी और मुख्य सचिवों को नक्सलियों की आवाजाही और उनके प्रभाव वाले क्षेत्रों में विकास कार्यों पर “निरंतर निगरानी” रखने का निर्देश दिया। उन्होंने डीजीपी से हर हफ्ते नक्सल विरोधी अभियानों में शामिल अधिकारियों से मिलने और मुख्य सचिवों को हर 15 दिन में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों की समीक्षा करने को कहा।
माओवादियों के वित्त पोषण पर रोकथाम
बैठक में माओवादियों के वित्त पोषण को रोकने पर भी चर्चा हुई। शाह ने सभी राज्यों से माओवादियों को वित्तपोषित करने वाले बुनियादी ढांचे और सपोर्ट नेटवर्क पर “पूरी तरह से हमला” करने का आह्वान किया। उन्होंने वामपंथी उग्रवाद के मामलों में एनआईए की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया और सुझाव दिया कि ऐसे सभी मामलों को एनआईए को सौंपा जाए।
छत्तीसगढ़ सरकार की सराहना
शाह ने छत्तीसगढ़ सरकार की नक्सलियों के खिलाफ अभियान की सराहना की और बताया कि वर्तमान सरकार के दौरान गिरफ्तारियों, आत्मसमर्पण और विकास की संख्या में वृद्धि हुई है। बैठक में मौजूद अधिकारियों ने भी छत्तीसगढ़ के अभियान की तारीफ की, क्योंकि यह राज्य माओवादियों की लगभग 80 प्रतिशत समस्या से निपट रहा है, जिसका असर केंद्र की लड़ाई पर भी पड़ेगा।