प्रयागराज : गिरफ्तारी को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला
बिना कारण बताए गिरफ्तारी असंवैधानिक, संविधान और नए कानून का पालन जरूरी – इलाहाबाद हाईकोर्ट
- रिपोर्ट- मंजय वर्मा
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि किसी भी व्यक्ति को बिना स्पष्ट कारण बताए गिरफ्तार करना संविधान के खिलाफ है। कोर्ट ने कहा कि गिरफ्तारी से पहले व्यक्ति को कारण और आधार बताना आवश्यक है, और इस प्रक्रिया में संविधान के प्रावधानों का पूरी तरह पालन किया जाना चाहिए।
कोर्ट ने कहा कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 22(1) में गिरफ्तार व्यक्ति को अधिकार दिए गए हैं, जिनका पालन अनिवार्य है। इसके साथ ही भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 47 में भी गिरफ्तारी की प्रक्रिया स्पष्ट रूप से बताई गई है।
इस फैसले के तहत हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (DGP) को निर्देश दिया है कि वे सभी जिलों में एक सर्कुलर जारी करें और सुनिश्चित करें कि सभी पुलिस अधिकारी इस आदेश का पालन करें।
यह आदेश रामपुर निवासी मंजीत सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस एमसी त्रिपाठी और जस्टिस प्रशांत कुमार की खंडपीठ ने दिया। याचिका में मंजीत सिंह ने बिना उचित कारण के गिरफ्तारी का मुद्दा उठाया था।
हाईकोर्ट के इस आदेश को पुलिस व्यवस्था में सुधार की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है। अब गिरफ्तारी की प्रक्रिया और अधिक पारदर्शी और संवैधानिक ढंग से संचालित की जाएगी।