प्रयागराज: उत्तर प्रदेश में अब 75 नहीं, बल्कि 76 जिले होंगे। रविवार शाम को राज्य सरकार ने महाकुंभ मेले के मद्देनज़र “महाकुंभ मेला जनपद” के गठन की घोषणा की। यह विशेष जिला कुंभ मेले के दौरान श्रद्धालुओं की भारी भीड़ और व्यवस्थाओं को देखते हुए बनाया गया है।
चार तहसीलों और 67 गांवों का होगा समावेश
नए जिले में प्रयागराज की चार तहसीलें—सदर, सोरांव, फूलपुर और करछना—के कुल 67 गांव शामिल किए गए हैं। यह व्यवस्था मेला अवधि के दौरान लागू रहेगी, जिससे कुंभ आयोजन सुचारू और व्यवस्थित हो सके।
नए जिले के अधिकारी
जिलाधिकारी: विजय किरन आनंद
एसएसपी: राजेश द्विवेदी
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और अन्य सुसंगत धाराओं के तहत, जिला कलेक्टर (डीएम) के पास एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट, जिलाधिकारी, और अतिरिक्त जिलाधिकारी के सभी अधिकार होंगे।
महाकुंभ के दौरान नई व्यवस्था क्यों?
महाकुंभ जैसे बड़े आयोजनों में हर 12 साल में करोड़ों श्रद्धालु जुटते हैं, जिसके लिए एक अस्थायी शहर बसाया जाता है। मेले की व्यापकता को देखते हुए प्रशासनिक व्यवस्था को मजबूत करने के लिए यह कदम उठाया जाता है।
मेला अवधि के दौरान 76वां जिला मान्य रहेगा।
विशेष जिला प्रशासन श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।
महाकुंभ 2024 की विशेषताएं
आयोजन की अवधि: 13 जनवरी से 26 फरवरी 2024
कुल 6 शाही स्नान होंगे, जिनमें पहला स्नान 14 जनवरी को मकर संक्रांति पर होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 जनवरी को प्रयागराज में गंगा पूजन से महाकुंभ का शुभारंभ करेंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सभी तैयारियों की निगरानी कर रहे हैं।
मेला अवधि के बाद होगा विलय
महाकुंभ मेला जनपद का अस्तित्व केवल मेला अवधि तक ही रहेगा। इसके बाद इसमें शामिल क्षेत्र और गांव दोबारा प्रयागराज जिले का हिस्सा बन जाएंगे।
महाकुंभ मेला जनपद का गठन प्रशासनिक कुशलता का प्रतीक है, जो उत्तर प्रदेश सरकार की दूरदर्शिता को दर्शाता है।