मोदीनगर में कांवड़ मेला पर मंडरा रहा सड़क का गड्डा, गैर जिम्मेदार प्रशासन के कारण हादसों का डर
सर पर हाई स्पीड रेल और नीचे रोड़ पर बडे-बडे गड्डे जिम्मेदार NCRTC, शासन प्रशासन के मुंह पर लगा मुचका
गाजियाबाद। गाजियाबाद 22 तारीख से सावन शुरू हो रहा है। जिसको लेकर गाजियाबाद प्रशासन पूरी तैयारी में लगा हुआ है। कावड़ियों को कोई भी दिक्कत परेशानी ना आए। इसके लिए प्रशासन अच्छे इंतजाम कर रहा है। वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सख्त निर्देश है कि कांवड़ियों को कोई भी दिक्कत परेशानी ना हो।
शासन के निर्देश के बाद गाजियाबाद बिजली विभाग भी एक्शन मोड में आया हुआ है। बिजली विभाग की टीम लगातार, लोनी, गाजियाबाद, मोदीनगर, मुरादनगर, में जहां भी बिजली के खंबे हैं। पिछले साल की तरह, इस साल भी तारों और खम्बो को पन्नी से बन्द किया जा रहा है। ताकि कोई भी दुर्घटना ना हो, कांवड़ियों को हर हाल में सुरक्षा और बिजली देना, बिजली विभाग की पहली प्राथमिकता बताई जा रही है।
वहीं अगर मोदीनगर की रोड़ की बात की जाए तो रोड़ पर काफी बड़ी मात्रा में बडे-बडे गड्डे है। हालांकि कुछ छोटे मोटे गड्डो को भरा भी गया है। लेकिन उसके बाद भी अभी भी काफी मात्रा में रोड पर गड्डे है। कांवड़ यात्रा के दौरान, हरिद्वार से दिल्ली की ओर जाने वाली रोड़ को एक साईड से पूरी तरह बंद कर दिया जाता है। और दिल्ली से हरिद्वार का ट्रेफिक एक रोड़ पर चलाया जाता है। अब सवाल उठता है कि जिस, एक रोड़ पर ट्रेफिक चलाया जाएगा। उस रोड़ की डिवाइडर साईड में ही बहुत ज्यादा गड्डे है। जिनकी वजह से कांवड़ लेने जा रहे। भोले के भक्तो के साथ, दुर्घटना होने के बहुत ज्यादा आसार बने हुए हैं। और इस को लापरवाही कहें या एक बहुत बड़ी सोची-समझी साजिश। भी कहाँ जा सकता है। मोदीनगर में भले ही सर के ऊपर हाई स्पीड रेपिड रेल दौड़ रही हो। लेकिन नीचे रोड़ की हालत बद से बदतर हैं। सवाल उठता है कि जब रोड़ पर रेपिड रेल के निर्माण के दौरान गड्डे NCRTC वालो ने किए थे तो आज तक रोड़ को बनाकर क्यों नहीं दी गई।
जिसमें की रोड़ बनाकर देने की जिम्मेदारी NCRTC की थी।
शायद भोजपुर टोल टैक्स वालो ने रोड़ को बनाने के लिए मना कर दिया होगा। क्योंकि अगर मोदीनगर की रोड़ सही हो जाएगी तो लोग गाजियाबाद से मेरठ परतापुर पैरिफेरल का स्तेमाल नहीं करेंगे। अपनी कमाई के चक्कर में टोल टैक्स वाले और NCRTC वाले लोगों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं। जान बूझकर मोदीनगर की रोड़ नहीं बनाई जा रही है। बल्कि और ज्यादा रोड़ को खराब कर दिया गया है। मोदीनगर के सब चौराहों पर ईटे बिछा दी गई है। और कुछ जगह चौराहे पर इतनी ऊंचाई कर दी है कि अगर थोड़ी सी तेज बाईक या कार गुजर जाए तो वाहन हवा में लहरा जाता है। रोड़ की हालत जान बूझकर बद से बदतर कर दी गई है। रोड़ बनाने के लिए, ना तो गाजियाबाद DM, ना SDM मोदीनगर, ना मोदीनगर विधायक, NCRTC से कहते हैं।
और ना ही मोदीनगर के नेता इस मामले को, गंभीरता से लेने के लिए तैयार है। मेरठ में अभी तक रेपिड रेल का संचालन नहीं हुआ है। लेकिन रोड़ बनाकर बिल्कुल सही कर दी गई है। और मोदीनगर में रेपिड का संचालन हो चुका है। लेकिन रोड़ को जान बूझकर नहीं बनाया जा रहा। कांवड़ मेले के दौरान होने वाले हादसो का जिम्मेदार आखिरकार कौन होगा। जिम्मेदार चाहे कोई भी हो। लेकिन भुगतना गाजियाबाद पुलिस प्रशासन को पडेगा।
गलती किस की और सर किस के पडने वाली है। यह कांवड़ यात्रा। अगर इस और ध्यान नही दिया गया तो आने वाले दिनों में, काफी हादसों का सामना करना पड़ेगा।