आचार संहिता लगते ही हटाए जा रहे पार्टियों के पोस्टर- नियमों का उल्लंघन करने पर होगी कार्रवाई, यहां जानें क्या होती है आदर्श आचार संहिता?

नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने शनिवार (16 मार्च) को एक प्रेस कॉफ्रेस में लोकसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान कर दिया है। देशभर में 19 अप्रैल से 1 जून के बीच 7 चरणों में लोकसभा चुनाव को आयोजित किया जाएगा। लोकसभा चुनावों के नताजें 4 जून को आएंगे। चुनावों की तारीखों की घोषणा होते ही पूरे देश में आदर्श आचार संहिता (Model Code Of Conduct) लागू हो गई है। जिसके बाद चुनाव आयोग सक्रिय हो गया है। फिलहाल देशभर में राजनीतिक पोस्टर लगाने और दीवारों पर पेंट किए जाने को लेकर कार्रवाई करना शुरू हो गया है।

निर्वाचन आयोग के आदेश पर देशभर के सभी जिलों राज्यों में पोस्टर उतरना शुरू हो गए हैं। कोई भी पोस्टर अगर राजनीतिक दलों से ताल्लुक रखता है तो उसको प्रशासन के जरिए हटाया जा रहा है। देश में आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद अगर कोई भी राजनीतिक पार्टी या उसका कोई भी उम्मीदवार अगर अपना पोस्टर लगाना चाहता है तो उसे स्थानीय जिला निर्वाचन कार्यालय से मंजूरी लेना होगी और यदि कोई भी निर्वाचन आयोग के खिलाफ जाकर पोस्टर लगाने का या दीवार पर पेंट करने का काम करता है तो उस पर कार्यवाही की जाएगी।

क्या होती है आदर्श आचार संहिता?
आदर्श आचार संहिता को चुनाव आयोग राजनीतिक दलों की सहमति के साथ तैयार करता है।आदर्श आचार संहिता को संविधान के अनुच्छेद 324 के अंतर्गत लागू किया जाता है। इसका उद्देश्य देश में स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनावों का आयोजन करना होता है। सरकार, नेता और राजनीतिक दलों में शामिल सभी लोगों को इन नियमों का पालन करना होता है। आचार संहिता को पालन कराने की जिम्मेदारी चुनाव आयोग की होती है। यहीं कारण है कि चुनाव की चुनावों की ताराखों का ऐलान होने के बाद चुनाव आयोग बेहद शक्तिशाली हो जाता है और अपने एक्शन मोड पर आ जाता है। चुनाव की तारीखों का ऐलान होने के बाद के सभी सरकारी कर्मचारी चुनाव होने तक निर्वाचन आयोग के कर्मचारी बन जाते हैं।

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