फरीदाबाद में छात्र आर्यन मिश्रा की हत्या मामले में पुलिस ने पेश की चार्जशीट, आरोपितों पर मॉब लिंचिंग की धारा भी लगाई गई
फरीदाबाद : फरीदाबाद के हाईवे पर 23 अगस्त 2024 की रात को छात्र आर्यन मिश्रा की गोली मारकर हत्या के मामले में पुलिस ने अदालत में चार्जशीट पेश की है। पहले इस मामले में बीएनएस की धारा 103 (1) के तहत हत्या का मामला दर्ज किया गया था, लेकिन अब पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ मॉब लिंचिंग की धारा 103 (2) के तहत भी चार्जशीट पेश की है।
मॉब लिंचिंग के तहत आरोपितों को सात साल की कैद से लेकर फांसी तक की सजा हो सकती है। इस मामले में महत्वपूर्ण बात यह है कि मॉब लिंचिंग को लेकर पहले के कानूनों में कोई प्रावधान नहीं था, लेकिन नए कानूनों में पहली बार इसे परिभाषित किया गया है। इसके तहत, अगर पांच या इससे अधिक लोग बिना किसी कानूनी प्रक्रिया के किसी की हत्या कर दें, तो इसे मॉब लिंचिंग माना जाएगा।
चार्जशीट में 30 गवाह और 600 पेज का दस्तावेज
चार्जशीट लगभग 600 पेज लंबी है और इसमें पुलिस ने कुल 30 गवाह बनाए हैं। चार्जशीट में कहा गया है कि कार सवार आरोपितों ने गोली चलाकर आर्यन मिश्रा की हत्या कर दी थी। आर्यन मिश्रा को गोली तब लगी थी जब वह श्वेता गुलाटी के मकान में किराए पर रह रहे थे। इस मामले में पुलिस ने पर्वतीय कॉलोनी निवासी अनिल कौशिक, वरुण, सेक्टर-23 निवासी आदेश, खेड़ी निवासी कृष्ण और सौरभ को गिरफ्तार किया था। ये सभी आरोपित कथित गौ-रक्षक हैं और अनिल कौशिक की संस्था का नाम “लिव फोर नेशन” है।
पुलिस ने आरोपितों से पूछताछ के बाद अनिल कौशिक के घर से अवैध पिस्टल और वरुण के घर से टायगन बरामद किए। इसके अलावा, पुलिस ने आदेश के नाम पर रजिस्टर्ड स्विफ्ट कार भी जब्त की, जिसका आरोपितों ने हत्या की वारदात में इस्तेमाल किया था।
आर्यन के पिता ने सीबीआई जांच की मांग की
आरोपितों ने पुलिस को बताया था कि वे गो-रक्षक हैं और गोतस्करी की सूचना मिलने पर उन्होंने आर्यन की कार का पीछा किया था। आरोपितों का कहना था कि आर्यन की कार तेज गति से भागी थी, जिससे उनका शक पक्का हो गया और उन्होंने गोली चला दी। इस गोलीबारी में आर्यन की मौत हो गई।
आर्यन मिश्रा के पिता सियानंद मिश्रा ने इस मामले में सवाल खड़े किए थे और आरोप लगाया कि उनके बेटे की हत्या योजना बनाकर करवाई गई है। उन्होंने मामले की सीबीआई जांच की भी मांग की थी।
सरकारी गवाह और सीसीटीवी फुटेज से खुलासा
चार्जशीट में सरकारी गवाह के तौर पर आर्यन के पिता सियानंद मिश्रा, अजय, पंकज, और वारदात के समय आर्यन के साथ कार में मौजूद सागर गुलाटी, हर्षित गुलाटी और कीर्ति शर्मा का नाम शामिल किया गया है। इसके अलावा, इस मामले में डॉक्टर, बैलेस्टिक एक्सपर्ट, टोलकर्मी और पुलिसकर्मी भी गवाह के रूप में शामिल हैं।
चार्जशीट में पांच अलग-अलग जगहों के सीसीटीवी फुटेज भी शामिल किए गए हैं, जिनसे वारदात के समय आरोपितों के खिलाफ सबूत मिलते हैं। इनमें एक फुटेज उस जगह की है जहां से आरोपितों ने आर्यन की कार का पीछा करना शुरू किया, और अन्य फुटेज में टोल की जगह और अन्य स्थानों की रिकॉर्डिंग शामिल हैं।
यह चार्जशीट मामले की गंभीरता को दर्शाती है, और इससे यह भी साफ होता है कि पुलिस ने मामले की तफ्तीश में हर पहलू पर ध्यान दिया है।