नई दिल्ली। पूरे देश में राम मंदिर में श्री राम जी की होने जा रही प्राण प्रतिष्ठा को लेकर अलग ही माहौल बना हुआ है, जिसके चलते आज रविवार को नरेंद्र मोदी ने तमिल नाडु के रामेश्वर में अरिचल मुनाई पॉइंट पर पहुंचकर वहां सुबह-सुबह पूजा अनुष्ठान किया। अरीचल मुनाई को लेकर लोगों माना जाता है कि यह वह स्थान है जहां से लंका के लिए राम सेतु का निर्माण शुरु हुआ था।
दरअसल सोमवार को अयोध्या में बने राम मंदिर में श्री राम चंद्र जी का प्राण प्रतिष्ठा होने वाली है, जिसके चलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार की सुबह तमिलनाडु के रामेश्वरम में अरिचल मुनाई पॉइंट पर पहुंचे। और यहां पर पूजा अनुष्ठान किया। बता दे तमिलनाडु के अरिचल मुनाई जगह को लेकर लोगों में मान्यता है कि इस जगह से लंका के लिए रामसेतु का निर्माण शुरू हुआ था। पीएम मोदी ने इसके बाद रामेश्वरम के कोदंडारामस्वामी मंदिर में भी पूजा किया। कोदंडारामा नाम का अर्थ है धनुषधारी राम। मान्यता है कि इस जगह श्री राम से विभीषण पहली बार मिले थे और उनसे शरण मांगी थी। साथ ही इसी जगह पर भगवान राम ने विभीषण का राज्याभिषेक भी इसी स्थान पर किया था। आपको बता दें कि पीएम मोदी ने इसी दौरान धनुषकोडी का भी दौरा किया, जिसको लेकर लोगों में माना जाता है कि धनुषकोडी से ही भगवान राम ने रावण को युद्ध में हारने की शपथ ली थी। यह पवित्र स्थान जहां से भगवान राम ने लंका की चढ़ाई शुरू की थी। माना जाता है यह किसी भी चुनौती में लड़ने की भारत की क्षमता का परिचारक है।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को तमिलनाडु दौरे पर पहुंचे थे। वहां उन्होंने शनिवार को तिरुचिरापल्ली के श्रीरंगनाथस्वामी मंदिर में दर्शन किए। दोपहर में उन्होंने रामेश्वरम में रोड शो किया। इसके बाद प्रधानमंत्री ने रामेश्वरम के अग्नितीर्थम तट पर जाकर समुद्र में डुबकी भी लगाई और भगवान रामनाथस्वामी मंदिर में पूजा की।
जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले 11 दिन के विशेष अनुष्ठान का पालन कर रहे हैं जिसके तहत वह देशभर में भगवान राम से जुड़े सभी मंदिरों में दर्शन और पूजा कर रहे हैं। इसी के तहत शनिवार को उन्होंने तिरुचिरापल्ली के श्री रंगनाथ स्वामी मंदिर और रामेश्वर के रामनाथ स्वामी मंदिर में भी दर्शन पूजा किया। ऐसा माना जाता है कि यह दोनों मंदिर भगवान राम के जीवन से जुड़े हुए हैं।