एसडीएम कार्यालय में घूस लेते पकड़े गए पेशकार और सहायक, एंटी करप्शन टीम ने की कार्रवाई

खतौनी पर नाम चढ़वाने के लिए 10 हजार रुपये की मांग, तीन हजार रुपये की पहली किस्त लेते रंगेहाथ गिरफ्तार

मिर्जापुर : एसडीएम सदर कार्यालय पर मंगलवार दोपहर एंटी करप्शन की टीम ने पेशकार राजेंद्र चौरसिया और एक अस्थायी कर्मचारी कुलदीप गौड़ को तीन हजार रुपये घूस लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया। दोनों आरोपितों को शहर कोतवाली लाया गया, जहां उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।

घूस की मांग और रंगेहाथ गिरफ्तारी
पड़री थाना क्षेत्र के देवपुर गांव निवासी अंकित कुमार पांडेय ने 14 दिसंबर को एंटी करप्शन थाने में शिकायत दी थी कि उनके दादा का नाम किसी कारणवश फसली खतौनी में नहीं था। जब उन्होंने एसडीएम कार्यालय में आवेदन किया, तो पेशकार और अस्थायी मुंशी ने 10 हजार रुपये की घूस की मांग की थी। इसके बाद, एंटी करप्शन टीम ने जांच के दौरान केमिकल युक्त नोट उपलब्ध कराए और 18 दिसंबर को अंकित पांडेय ने पेशकार और मुंशी को तीन हजार रुपये की पहली किस्त दी। जैसे ही दोनों ने घूस ली, एंटी करप्शन टीम ने रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया।

अधिकारी की प्रतिक्रिया
एंटी करप्शन निरीक्षक विनय सिंह ने बताया कि पेशकार और मुंशी ने मिलकर खतौनी पर दादा का नाम चढ़वाने के बदले 10 हजार रुपये की मांग की थी, और तीन हजार रुपये की पहली किस्त लेते हुए दोनों को रंगेहाथ पकड़ा गया। पेशकार के खिलाफ पहले भी शिकायतें मिली थीं, जिनकी जांच जारी थी।

एसडीएम की जानकारी पर सवाल
उपजिलाधिकारी सदर गुलाबचंद्र ने कहा कि जिस मामले में रिश्वत का आरोप था, उस पर शुक्रवार को आदेश जारी कर दिया गया था। उन्होंने बताया कि पेशकार के क्रियाकलापों की विभागीय जांच की जाएगी। इस घटना पर एसडीएम सदर के नाक के नीचे यह खेल हो रहा था, और उन्हें इसकी जानकारी नहीं थी। एसडीएम सदर कुछ महीने पहले ही लालगंज तहसील से यहां पदस्थापित हुए थे, और प्रशासनिक कार्यों के कारण कार्यालय की गतिविधियों की पूरी जानकारी नहीं मिल पाई थी।

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