पौष पुत्रदा एकादशी व्रत: संतान सुख के लिए विशेष व्रत, जानें नियम और उपाय

हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व होता है और साल में आने वाली सभी 24 एकादशियां बेहद खास मानी जाती हैं। इनमें से एक है पौष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी, जिसे पौष पुत्रदा एकादशी कहा जाता है। यह व्रत विशेष रूप से संतान सुख, समृद्धि और खुशहाली की कामना के लिए रखा जाता है। इसके अलावा, जो लोग संतान प्राप्ति के लिए प्रयासरत हैं, उनके लिए यह व्रत अत्यंत फलदायी माना जाता है।

पौष पुत्रदा एकादशी व्रत 2025 में 10 जनवरी को रखा जाएगा। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से जीवन में अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है और संतान सुख की प्राप्ति के लिए यह व्रत अत्यंत लाभकारी है। हालांकि, इस दिन कुछ विशेष नियमों का पालन करना आवश्यक है। आइए जानते हैं पौष पुत्रदा एकादशी व्रत के नियम और उपाय

पौष पुत्रदा एकादशी व्रत के नियम

  1. तुलसी के पत्तों से संबंधित नियम
    शास्त्रों में बताया गया है कि एकादशी व्रत के दिन तुलसी के पत्तों को तोड़ना निषेध है। साथ ही, तुलसी के पौधे में जल चढ़ाना भी मना है। ऐसा करने से भगवान विष्णु और माँ लक्ष्मी नाराज हो सकते हैं और जीवन में परेशानियाँ आ सकती हैं। यदि व्रत में भगवान विष्णु को भोग में तुलसी अर्पित करना हो, तो नवमी तिथि को ही तुलसी के पत्ते तोड़कर उनका प्रयोग करें या फिर पौधे के गिरने वाले पत्तों को धोकर भोग में अर्पित करें।
  2. स्वच्छता का ध्यान रखें
    इस दिन घर की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। विशेष रूप से ईशान कोण और पूजा घर को साफ रखें। इसके अलावा, पूरे घर में गंगाजल का छिड़काव करना शुभ माना जाता है।
  3. व्रत के दिन तामसिक आहार से बचें
    पौष पुत्रदा एकादशी व्रत के दिन चावल, प्याज, लहसुन, और अन्य तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके अलावा, इस दिन मांस और मदिरा का सेवन भी निषेध है। व्रत के दौरान शुद्ध और सात्विक आहार का सेवन करें।
  4. झाड़ू न लगाएं
    धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पौष पुत्रदा एकादशी व्रत के दिन घर में झाड़ू नहीं लगानी चाहिए। इसका कारण यह है कि झाड़ू से छोटे जीवों की मृत्यु हो सकती है, जिससे व्यक्ति जीव हत्या के पाप का भागीदार बन सकता है। इसलिए घर की साफ-सफाई सावधानी से करें।
  5. व्रत के दिन विशेष ध्यान
    इस दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए। संतान सुख और समृद्धि के लिए विशेष रूप से विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ भी किया जा सकता है। इसके अलावा, व्रति को पूरे दिन उपवासी रहकर और ध्यान और स्मरण में रहकर इस व्रत को निभाना चाहिए।

पौष पुत्रदा एकादशी व्रत के लाभ

  • इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और व्रत रखने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।
  • संतान सुख की प्राप्ति के लिए यह व्रत अत्यंत फलदायी माना जाता है।
  • व्रत रखने से व्यक्ति के जीवन में समृद्धि, सुख-शांति और खुशहाली बनी रहती है।

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं और आस्थाओं पर आधारित है। इस संबंध में किसी भी प्रकार के विस्तृत मार्गदर्शन के लिए कृपया धार्मिक विशेषज्ञ या पंडित जी से परामर्श लें।

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