ग़ुस्ताखी माफ़ हरियाणा-पवन कुमार बंसल
गुरूग्राम में डीसी प्रोटोकोल वाली पोस्ट पर पत्रकार स्वतंत्र सक्सेना की टीपनीi जो आज गुरुग्राम की स्थिति है ऐसी ही हालत एक समय में औद्योगिक नगरी फरीदाबाद की हुआ करती थी । किसी राजनीतिज्ञ अथवा नौकरशाह के परिवार या दोस्त-मित्र के घर शादी ब्याह के मौक़े पर अधिकारियों या राजनेताओं के फरीदाबाद दौरों में अचानक तेज़ी आ जाती थी और डीसी एवं पुलिस कप्तान उनकी आवभगत में ऐसे जुटते मानो अमेरिकी राष्ट्रपति आ गये हों । अब वही सब गुरुग्राम में दोहराया जाता है । यही भाँपकर बंसल साहब आपने लिखा होगा कि यहाँ डीसी आवभगत का एक अतिरिक्त पद सृजित किया जाना मुनासिब होगा । दिलचस्प बात यह है कि कभी अफ़सर फरीदाबाद में तैनाती के लिए ज़ोर मारा करते थे, आज गुरुग्राम के लिए