जिलाधिकारी के निर्देश पर आरडीए ने ध्वस्त कराया निर्माण कार्य

रामपुर। अनधिकृत निर्माण पर प्रभावी नियन्त्रण स्थापित करने की दृष्टि से जिलाधिकारी/ उपाध्यक्ष रविन्द्र कुमार मॉदड़ के निर्देशानुसार प्राधिकरण द्वारा अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व)/सचिव, रामपुर विकास प्राधिकरण हेम सिंह के नेतृत्व में खलिद खॉ पुत्र नवाब अली खॉ निवासी 536 सीतापुर रोड लखनऊ, सलीम जहाँ पत्नी अब्दुल मजीद व हिना खान पत्नी असलम निवासी 129 ग्रीन अगही मुम्बई एवं अकबर पुत्र बदलू निवासी मन्सूरपुर तहसील सदर द्वारा गाटा संख्या 26 क, गाटा संख्या 25 ग्राम टिकटगंज, तहसील सदर पर लगभग 22000 वर्ग मीटर भूमि पर अनधिकृत भूखण्डीय विकास हेतु 30 से0मी0 से 90 से0मी0 की ऊंचाई तक ईट चिनाई का कार्य किया गया था जिसको ध्वस्त कराया गया।
सहायक अभियन्ता रामपुर विकास प्राधिकरण ने बताया कि उत्तर प्रदेश नगर नियोजन एवं विकास अधिनियम-1973 की धारा 14, 15 के अर्न्तगत किसी भी प्रकार का निर्माण/विकास कार्य करने से पूर्व प्राधिकरण से निर्माण/विकास कार्य की अनुज्ञा/स्वीकृति प्राप्त करना अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि अनधिकृत निर्माण/विकास कार्य के सम्बन्ध में प्राधिकरण द्वारा वाद संख्या-आरएमडीए/एएनआई/2021/0000014 दिनांक 30 सितम्बर 2021 संस्थित कर उ०प्र० नगर नियोजन एवं विकास अधिनियम-1973 की धारा 27, 28 के अर्न्तगत क्रमशः कारण बताओ तथा अनधिकृत निर्माण/विकास कार्य रोकने की नोटिस निर्माणकर्ता को निर्गत करते हुए खलिद खाँ व अन्य को 5 अक्टूबर 2021 को चस्पा द्वारा तामील है, जो उ०प्र० नगर नियोजन एवं विकास अधिनियम-1973 की धारा 43डी(ii) के प्राविधान के अर्न्तगत सम्यक् तामील माना जायेगा। विपक्षी द्वारा कोई उत्तर नहीं दिया गया है।
उन्होंने बताया कि विपक्षी को एक अन्य अवसर प्रदान करते हुए अन्तिम अनुस्मारक पत्र 13 अक्टूबर 2021 निर्गत किया गया जो कि विपक्षी पर 18 अक्टूबर 2021 को चस्पा द्वारा तामील है, जो उ0प्र0 नगर नियोजन एवं विकास अधिनियम-1973 की धारा 43डी (ii) के प्राविधान के अर्न्तगत सम्यक् तामील माना जायेगा। कारण बताओ नोटिस/अन्तिम अनुस्मारक पत्र का सन्तोषजनक/स्पष्ट उत्तर न दिए जाने पर विपक्षी को समुचित सुनवाई का अवसर प्रदान किए जाने के उपरान्त सक्षम अधिकारी द्वारा 30 अक्टूबर 2021 को ध्वस्तीकरण आदेश पारित किए गए है। विपक्षी द्वारा ध्वस्तीकरण आदेश मे उल्लेखित अवधि में अवैध निर्माण/विकास कार्य को स्वतः/ध्वस्त नहीं किया गया है। विपक्षी के असफल रहने की दशा में पारित ध्वस्तीकरण आदेश का स्थलीय क्रियान्वयन 12 जनवरी 2022 को कराया गया था। अनधिकृत निर्माणकर्तागण द्वारा अनधिकृत रूप से सृजित भूखण्डों के डिमार्केशन हेतु 30 से 90 से0मी0 की ऊंचाई तक ईट चिनाई का कार्य किया गया था जिसको ध्वस्त कराया गया है। ध्वस्तीकरण की कार्यवाही में अवर अभियन्ता रामकिशन सारस्वत, हरिओम गुप्ता एवं पुलिस बल थाना सिविल लाइन्स उपस्थित रहे। उन्होंने बताया कि भवन/भूखण्ड क्रय करने से पहले तलपट मानचित्र स्वीकृति के सम्बन्ध में प्राधिकरण से पुष्टि अवश्य कर लें। अनधिकृत प्लाटिंग स्थल पर भवन/भूखण्ड क्रय न करें। स्वीकृत ले-आउट/स्वीकृत मानचित्र में सन्दर्भित स्थल पर भवन/भूखण्ड क्रय करें, ताकि अनावश्यक आर्थिक क्षति एवं असुविधा से बचा जा सके। अनधिकृत निर्माण/विकास कार्यों के विरूद्ध ध्वस्तीकरण की कार्यवाही आगे भी गतिमान रहेगी।

 

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