शुक्रवार को घरेलू शेयर बाजारों में लगातार तीसरे दिन गिरावट दर्ज की गई। वैश्विक बाजारों में कमजोर रुख और विदेशी निवेशकों की बिकवाली के दबाव में बीएसई सेंसेक्स 241 अंक लुढ़ककर बंद हुआ, जबकि निफ्टी भी 23,500 के स्तर के नीचे चला गया।
कारोबारी धारणा पर असर
विशेषज्ञों का मानना है कि वैश्विक आर्थिक मंदी की आशंका और कंपनियों के कमजोर तिमाही नतीजों ने बाजार की धारणा को नकारात्मक रूप से प्रभावित किया है। इसके साथ ही कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें और डॉलर की मजबूती ने भी बाजार को दबाव में रखा।
सेंसेक्स और निफ्टी का प्रदर्शन
बीएसई सेंसेक्स 241.30 अंक या 0.31% की गिरावट के साथ 77,378.91 पर बंद हुआ। दिन के दौरान यह 77,919.70 के उच्चतम और 77,099.55 के न्यूनतम स्तर तक गया। वहीं, निफ्टी 95 अंक या 0.40% गिरकर 23,431.50 पर बंद हुआ।
गिरावट वाले प्रमुख शेयर
सेंसेक्स में प्रमुख कंपनियों जैसे इंडसइंड बैंक, एनटीपीसी, अल्ट्राटेक सीमेंट, सन फार्मा, एक्सिस बैंक, एसबीआई, टाटा स्टील, पावर ग्रिड और कोटक महिंद्रा बैंक के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई।
IT शेयरों में चमक
टीसीएस के शानदार तिमाही नतीजों ने बाजार को कुछ राहत दी। कंपनी का शुद्ध लाभ 11.95% बढ़कर 12,380 करोड़ रुपये हो गया, जिसके कारण टीसीएस के शेयर 6% की बढ़त के साथ बंद हुए। इसके अलावा, इन्फोसिस, एचसीएल टेक, टेक महिंद्रा और बजाज फिनसर्व के शेयर भी बढ़त में रहे।
विदेशी निवेशकों की बिकवाली
विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने लगातार बिकवाली जारी रखी। बृहस्पतिवार को FII ने 7,170.87 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, जिससे बाजार पर और दबाव बढ़ा।
वैश्विक बाजारों का दबाव
एशियाई बाजारों में भी कमजोरी देखी गई। दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की, चीन का शंघाई कंपोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग गिरावट के साथ बंद हुए। यूरोपीय बाजारों में भी कमजोर शुरुआत रही।
कच्चे तेल और डॉलर का असर
कच्चे तेल की कीमतें 2.02% बढ़कर 78.47 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गईं। डॉलर की मजबूती ने निवेशकों को जोखिम लेने से रोका, जिससे बाजार में और गिरावट आई।
विशेषज्ञों की राय
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के विनोद नायर ने कहा, “कच्चे तेल की कीमतों और डॉलर इंडेक्स की मजबूती ने बाजार पर दबाव बनाया। हालांकि, IT सेक्टर में शुरुआती मजबूती देखी गई, लेकिन अन्य सेक्टरों में गिरावट का असर भारी रहा।”