अब आपको फरीदाबाद की गलियों में या कालोनियों में नहीं दिखेंगे आवारा कुत्ते, नगर निगम ने की शानदार पहल, आइए जानते है इसके बारे मे

26 मार्च: फरीदाबाद शहर की कालोनी हो या सैक्टर, हर जगह लोग गलियों और पार्कों में घूम रहे आवारा किस्म के कुत्तों से परेशान हैं। कारण, इन आवारा कुत्तों के द्वारा बच्चों और बुर्जुगों का काट खाना जिससे वो हरदम भयभीत से रहते हैं। इस कारण वो डर के कारण घर से भी नहीं निकल पाते हैं।

लोगों में से इसी डर को निकालने के लिए अब फरीदाबाद नगर निगम अपने आधिकारिक एजेंसी पीपल फॉर एनिमल्स ट्रस्ट फरीदाबाद के माध्यम से बड़े पैमाने पर पशु जन्म नियंत्रण (एबीसी) और टीकाकरण अभियान चला रहा है जिससे आवारा कुत्तों से बचाकर शहरवासियों के लिए एक सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण बनाया जा सके।

इस अभियान के चलते प्रतिदिन 10 से 15 कुत्तों की नसबंदी का लक्ष्य रखते हुए यह पहल वैज्ञानिक और मानवीय दृष्टिकोण का पालन करती है जिसमें आवारा कुत्तों की नसबंदी, रेबीज के खिलाफ टीकाकरण, जीपीएस लोकेशन रिकॉर्डिंग और उन्हें उनके मूल स्थान पर वापस छोडऩा शामिल है। यह संपूर्ण प्रक्रिया सख्त दिशा-निर्देशों का पालन करती है ताकि जानवरों के कल्याण और सार्वजनिक सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके।

पीपल फॉर एनिमल्स ट्रस्ट फरीदाबाद की टीम कठिन परिस्थितियों, अत्यधिक मौसम और उच्च दबाव वाले माहौल में लगातार मेहनत कर इस कार्यक्रम को सफलतापूर्वक संचालित कर रही है। मानवीय तरीके से कुत्तों को पकडऩे, सर्जरी करने, पोस्ट-ऑपरेटिव देखभाल और सुरक्षित रूप से छोडऩे तक की हर प्रक्रिया सटीक प्रयास और कई दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए की जाती है।

पीपल फॉर एनिमल्स ट्रस्ट फरीदाबाद की अध्यक्ष वृंदा शर्मा ने निगम कमिश्नर ए मोना श्रीनिवास का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वे उनकी आभारी हैं जिन्होंने उन्हें शहर के कुत्तों और नागरिकों की सेवा करने का अवसर दिया। वे इस कार्यक्रम के लिए नए मानक स्थापित करना चाहती हैं ताकि फरीदाबाद पूरे देश के लिए एक उदाहरण बन सके।

वहीं मुख्य पशु चिकित्सक डॉ० दक्ष जो हाल ही में पशु जन्म नियंत्रण पर अंर्तराष्ट्रीय प्रशिक्षण को लेकर फरीदाबाद के प्रोटोकॉल को अधिक प्रभावी बना रहे हैं, ने इस पहल के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि पशु जन्म नियंत्रण के कई लाभ हैं। यह न केवल आवारा कुत्तों के स्वास्थ्य और कल्याण में सुधार करता है, बल्कि कुत्तों और समुदाय के बीच शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व को भी बढ़ावा देता है।

जबकि निगम के स्वास्थ्य अधिकारी ओमदत्त ने बताया की शहर भर से सार्वजनिक शिकायतों और योजनाबद्ध क्षेत्रीय कवरेज के आधार पर आवारा कुत्तों को नसबंदी के लिए लाया जाता है। निगम नागरिकों से अपील करता है कि वे अनुसूचित नसबंदी से वंचित कुत्तों की सूचना दें ताकि यह कार्यक्रम शहर के हर कोने तक पहुंचे।

सफाई मुख्यालय के इंंस्पेक्टर बिशन तेवतिया ने बताया कि यह पहल निगम की प्रतिबद्धता का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो नैतिक और प्रभावी जनसंख्या नियंत्रण के लिए नए मानक स्थापित करने की दिशा में कार्य कर रही है।

सफाई मुख्यालय के निराश बिशन तेवतिया ने बताया की यह पहल निगम की प्रतिबद्धता का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। जो नैतिक और प्रभावी जनसंख्या नियंत्रण के लिए नए मानक स्थापित करने की दिशा में कार्य कर रही है।

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