Faridabad Weather News फरीदाबाद में गेहूं हो या सरसों सभी फसलों की सिंचाई भी शुरू हो चुकी है। लेकिन दिसंबर का आधा महीना बीत जाने के बाद भी कड़ाके की ठंड नहीं पड़ रही है। इससे किसान रबी की फसलों को लेकर चिंतित हैं। यदि सर्दी नहीं बढ़ी तो गेहूं में फुटाव नहीं होगा और उत्पादन पर भी असर पड़ेगा।
बल्लभगढ़। नवंबर सर्दी के इंतजार में निकल गया। अब दिसंबर आधा होने को जा रहा है लेकिन कड़ाके की सर्दी नहीं पड़ रही है। दो दिन पहले हुई बूंदाबांदी से ठंडी हवा चल रही है। दिन में धूप में बैठना मुश्किल हो रहा है।
ऐसे में किसान रबी की फसल को लेकर खासे चिंतित हैं। यदि सर्दी नहीं बढ़ी तो फिर गेहूं में फुटाव नहीं होगा। इससे उत्पादन पर भी काफी असर पड़ेगा। रबी की सभी फसलों के लिए अधिक मौसम ठंडा होना चाहिए, तभी इनमें फुटाव होता है।
सर्दी ज्यादा नहीं पड़ी तो फिर बढ़ता रहेगा पौधे का तना
यदि सर्दी ज्यादा नहीं पड़ी तो फिर पौधे का तना बढ़ता रहेगा। फुटाव नहीं होने से जल्दी बाली निकलनी शुरू हो जाएगी। दयालपुर गांव के किसान राजेंद्र सिंह हुड्डा अपने खेत में गेहूं की फसल को देख कर खासे चिंतित दिखाई दिए।
उनका कहना था कि सर्दी पड़नी शुरू हो जाए तो गेहूं का बढ़ना रुक जाएगा और फुटाव शुरू हो जाएगा। ऐसे में किसान खरपतवार नाशक और कीटनाशक भी डालेंगे। इनके डालने से भी जमीन में गर्मी बनी रहती है। किसानों ने फसलों की सिंचाई करनी शुरू कर दी है। पिछले एक दशक से सर्दी मौसम में मुश्किल से 20 से 25 दिन ही अच्छी पड़ती है।
दो दिन पहले हुई बूंदाबांदी यदि थोड़ी और अधिक पड़ जाती तो अब तक सर्दी भी अच्छी बन जाती। इन बूंदों का मौसम में बहुत अधिक अच्छा असर नहीं पड़ा। अब तो सर्दी की सबसे ज्यादा जरूरत है।
गेहूं हो या सरसों सभी फसलों की सिंचाई भी शुरू हो चुकी है। एक दशक पहले नवंबर की शुरुआत में ही अच्छी सर्दी शुरू हो जाती थी और फसल भी अच्छी होती थी। सिंचाई से भी सर्दी बढ़ने की उम्मीद है।