पटना: बिहार की राजनीति में लगातार चल रही बयानबाजी के बीच, जदयू ने एक बार फिर पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर तीखा हमला बोला है। जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने कहा कि नीतीश कुमार को जंगलराज के युवराज तेजस्वी यादव से कोई नसीहत लेने की आवश्यकता नहीं है।
जदयू का पलटवार:
उमेश कुशवाहा ने कहा कि तेजस्वी यादव अपने एक्स हैंडल पर आपराधिक आंकड़े जारी कर लोगों को गुमराह करने में सफल नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि लालू-राबड़ी शासनकाल में सत्ता के शीर्ष पर बैठे लोग संगठित अपराध को बढ़ावा देते थे और अपराधियों को सरकार का संरक्षण प्राप्त था। कुशवाहा ने तेजस्वी यादव से मांग की कि वे अपने माता-पिता के शासनकाल का आपराधिक बुलेटिन जारी करने की हिम्मत दिखाएं।
खाद्य आपूर्ति मंत्री का बयान:
खाद्य आपूर्ति मंत्री लेशी सिंह ने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि उन्हें जनता के हितों से कोई सरोकार नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पूरे मानसून सत्र से गायब रहे। जदयू प्रदेश कार्यालय में जन सुनवाई कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बातचीत में सिंह ने यह टिप्पणी की।
अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री का बयान:
अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा खान ने भी इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव को अपराध के मुद्दे पर उपदेश देने से पहले अपने माता-पिता के शासनकाल की याद करनी चाहिए। खान ने यह भी कहा कि राजद के शासनकाल में लोग रात के समय सुरक्षित रूप से बाहर नहीं निकलते थे।
नीतीश कुमार की सरकार का बचाव:
उमेश कुशवाहा और लेशी सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार की उपलब्धियों को बताते हुए कहा कि बिहार में कानून का राज स्थापित किया गया है और असामाजिक तत्वों को अब बख्शा नहीं जाता है।
इस पूरे विवाद में जदयू ने अपने राजनीतिक विरोधियों को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ा है और बिहार की राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी है।