“साइबर क्राइम का नया तरीका: अनजान मोबाइल नंबर पर कॉल करना पड़ सकता है भारी”

वाराणसी। साइबर अपराध का एक नया और खतरनाक तरीका अब रेलवे प्लेटफार्म पर देखने को मिल रहा है। अपराधी युवकों का दूसरा जेनरेशन अब प्लेटफार्म पर अनजान लोगों को ठगने के लिए नए तरीके अपना रहा है। यह लड़के आपको प्लेटफार्म पर मिलेंगे, हाथ में एक पर्ची होगी, जिस पर मोबाइल नंबर और नाम लिखा होगा। वे आपसे मदद मांगेंगे और कहेंगे, “भैया, इस नंबर पर कॉल कर दीजिए, हम बिछड़ गए हैं, ये हमारे पापा या चाचा का नंबर है।”

अगर आप उनकी मदद करने के लिए अपना फोन निकालते हैं और उस नंबर पर कॉल करते हैं, तो आपका फोन हैक हो सकता है। इस साइबर ठगी के तहत आपका मोबाइल डेटा चुपचाप अपराधियों के पास चला जाता है। आपका फोन, आपकी जेब में रहते हुए, हैकिंग गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है, और आपको इस बारे में पता भी नहीं चलेगा।

यह घटना बनारस रेलवे स्टेशन की बताई जा रही है, जहां कई यात्रियों को इसी तरह ठगा गया। अपराधी युवक जितने ज्यादा नंबर देते हैं, उतना पैसा उन्हें मिलता है, जिसे वे नशे और अन्य गैरकानूनी गतिविधियों में खर्च करते हैं।

सावधान रहें, अनजान नंबरों पर कॉल करने से बचें
साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों ने लोगों से अपील की है कि अनजान व्यक्तियों के दिए हुए नंबर पर कभी भी कॉल न करें। अगर कोई आपसे मदद मांगता है, तो पहले सतर्क रहें और मामले की जांच करें। ज्यादा मानवता दिखाने के चक्कर में आपका डेटा और आपकी निजी जानकारी खतरे में पड़ सकती है।

साइबर क्राइम के इस नए तरीके से बचने के लिए रेलवे प्रशासन और पुलिस ने भी लोगों को जागरूक करने के लिए कदम उठाए हैं।

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