भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स की सफल वापसी

नई दिल्ली: भारतीय मूल की प्रसिद्ध अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके सहकर्मी बुच विल्मोर ने आज अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से पृथ्वी पर सफलतापूर्वक वापसी की। नासा के स्पेसएक्स क्रू-9 मिशन के चारों सदस्यों ने भारतीय समयानुसार बुधवार सुबह 3:27 बजे फ्लोरिडा के तट पर सफल लैंडिंग की। इस यात्रा को पूरा करने में 17 घंटे का समय लगा।

कैमरे में कैद हुआ ऐतिहासिक लम्हा

नासा ने इस सफल लैंडिंग का वीडियो जारी किया है, जिसमें देखा जा सकता है कि जब स्पेसएक्स क्रू ड्रैगन कैप्सूल फ्लोरिडा तट के पास पहुंचा तो उसमें लगे सभी पैराशूट खुल गए और इसके बाद कैप्सूल सुरक्षित रूप से समुद्र में स्प्लैशडाउन कर गया। इस मिशन में सुनीता विलियम्स, बुच विल्मोर, अलेक्जेंडर गोरबुनोव और निक हेग शामिल थे।

डॉल्फिन ने किया अनोखा स्वागत

सुनीता विलियम्स की ऐतिहासिक वापसी के दौरान समुद्र में डॉल्फिन के झुंड ने उनका स्वागत किया। जब कैप्सूल का स्प्लैशडाउन हुआ, तब नासा के कमेंटेटर ने मज़ाक में कहा कि “ये डॉल्फिन हमारी रिकवरी टीम का ही एक हिस्सा लग रही हैं।”

मिशन की चुनौतियाँ: 8 दिन की जगह 9 महीने का सफर

यह मिशन केवल 8 दिनों के लिए तय किया गया था, लेकिन तकनीकी खराबी के कारण सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को 9 महीने और 14 दिनों तक अंतरिक्ष में ही रुकना पड़ा। अंततः, इस लंबे इंतजार के बाद, वे सफलतापूर्वक पृथ्वी पर लौट आए।

निक हेग ने कहा – ‘क्या शानदार यात्रा रही!’

लैंडिंग के बाद, नासा के नियंत्रण केंद्र ने इन अंतरिक्ष यात्रियों का स्वागत करते हुए कहा, “निक, एलेक, बुच, सुनी – स्पेसएक्स की तरफ से घर में आपका स्वागत है।” इसका जवाब देते हुए निक हेग ने उत्साहित होकर कहा, “क्या शानदार यात्रा रही!”

इसके बाद रिकवरी टीम कैप्सूल के पास पहुंची, और इसे सुरक्षित रूप से वेसल पर चढ़ाकर खोला गया। यह रिकवरी वेसल ‘मेगन’ नासा की अंतरिक्ष यात्री मेगन मैकआर्थर के नाम पर रखा गया है।

कैप्सूल से बाहर आए अंतरिक्ष यात्री

कैप्सूल खुलने के बाद, सबसे पहले अलेक्जेंडर गोरबुनोव, फिर सुनीता विलियम्स, और अंत में बुच विल्मोर बाहर आए। वीडियो में देखा गया कि सभी यात्रियों के चेहरे पर मुस्कान थी और वे हाथ हिलाकर अभिवादन कर रहे थे। इसके बाद उन्हें रोलिंग स्ट्रेचर पर बैठाकर मेडिकल चेकअप के लिए ले जाया गया।

पीएम मोदी ने लिखा विशेष पत्र

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुनीता विलियम्स को एक पत्र लिखकर भारत आने का निमंत्रण दिया। उन्होंने कहा, “आप भले ही हमसे हजारों मील दूर थीं, लेकिन आप हमारे दिलों के करीब हैं। भारत के लोग आपके अच्छे स्वास्थ्य और सफलता के लिए लगातार प्रार्थना कर रहे थे। आपकी वापसी के बाद हम आपसे भारत में मिलने को उत्सुक हैं।” यह पत्र 1 मार्च को लिखा गया था और इसे नासा के पूर्व अंतरिक्ष यात्री माइक मैसिमिनो के माध्यम से भेजा गया।

 सुनीता विलियम्स की यह यात्रा कई चुनौतियों और रोमांचक क्षणों से भरी रही। उनकी सफल वापसी अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जा रही है। भारतीय समुदाय में इस खबर को लेकर जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है और सभी को गर्व है कि भारतीय मूल की बेटी ने अंतरिक्ष में नया इतिहास रचा।

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