Report: जून में दुनियाभर में करीब पांच अरब लोगों ने भीषण गर्मी का सामना किया; भारत में 61.9 करोड़ लोग प्रभावित

ई दिल्ली। साल 2024 में दुनिया की एक बड़ी आबादी को भीषण गर्मी का सामना करना पड़ा है। इस साल जून के नौ दिनों में दुनिया के करीब पांच अरब लोगों ने जलवायु परिवर्तन के कारण अत्यधिक गर्मी का अनुभव किया। वहीं, भारत में 61.9 करोड़ लोगों ने झुलसाने वाली गर्मी महसूस की। अमेरिका के वैज्ञानिकों के स्वतंत्र संगठन की रिपोर्ट में यह जानकारी दी।

किस देश में कितने लोग प्रभावित
वैज्ञानिक संगठन क्लाइमेट सेंट्रल की रिपोर्ट में कहा गया है कि जून में प्रचंड गर्मी ने भारत में 61.9 करोड़, चीन में 57.9 करोड़, इंडोनेशिया में 23.1 करोड़, नाइजीरिया में 20.6 करोड़, ब्राजील में 17.6 करोड़, बांग्लादेश में 17.1 करोड़, अमेरिका में 16.5 करोड़, यूरोप में 15.2 करोड़, मैक्सिको में 12.3 करोड़, इथियोपिया में 12.1 करोड़ और मिस्र में 10.3 करोड़ लोगों को प्रभावित किया। इसमें कहा गया है कि दुनिया की 60 फीसदी से ज्यादा आबादी ने भीषण गर्मी का सामना किया। जलवायु परिवर्तन की वजह से 16 से 24 जून के बीच तीन गुना ज्यादा गर्मी हुई।

दुनिया भर में चली गर्म हवाएं अप्राकृतिक आपदा
क्लाइमेट सेंट्रल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एंड्रयू पर्शिंग ने कहा, एक सदी तक कोयला, तेल और प्राकृतिक गैस जलाने से हमें एक खतरनाक दुनिया मिली है। इस गर्मी में दुनियाभार में चली लू अप्राकृतिक आपदा है, जो कार्बन प्रदूषण बंद होने तक ज्यादा आम बात जाएगी। क्लाइमेट सेंट्रल का क्लाइमेट शिफ्ट इंडेक्स (सीएसई) दुनियाभर में तापमान पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव का विश्लेषण करता है।

भारत में भीषण गर्मी महसूस की गई
भारत ने भी भीषण गर्मी और लू का अनुभव किया। देश में 40 हजार से ज्यादा हीट स्ट्रोक के मामले सामने आए और 100 से ज्यादा गर्मी से संबंधित मौतें दर्ज की गईं। भीषण गर्मी ने जल आपूर्ति और पावर ग्रिड को प्रभावित किया है। राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली जल संकट से जूझ रही है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के मुताबिक, अप्रैल से जून की अवधि के दौरान देश के करीब 40 फीसदी हिस्से में सामान्य से दोगुनी लू दर्ज की गई। राजस्थान के कई हिस्सों में तापमान 50 डिग्री सेल्सियस पार कर गया। वहीं कई स्थानों में रात का तापमान 35 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहा। दिल्ली में 13 मई से लगातार चालीस दिनों तक तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा दर्ज किया।

हज यात्रा में 1300 लोगों की मौत हुई
सऊदी अरब में हज यात्रा के दौरान गर्मी से कम से कम 1,300 लोगों की मौत हुई। कुछ शहरों में तापमान 50 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा था। क्लाइमेट सेंट्रल ने अपने विश्लेषण में पाया है कि मक्का शहर ने 18 मई से 23 मई तक हर दिन जलवायु परिवर्तन के कारण कम से कम तीन गुना ज्यादा गर्मी का अनुभव किया। यह अनुभव 24 मई के बाद से पांच गुना अधिक होने की संभावना है।

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