National Technology Day 2024: जानें क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस, क्या है इसका इतिहास

पहली बार 11 मई 1999 को मनाया गया था राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस

नई दिल्ली। हर साल 11मई को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाया जाता है। इसे मनाने का उद्देश्य वैज्ञानिकों और उनके “प्रयासों” के प्रति “आभार” व्यक्त करना है जिनके प्रयासों के परिणामस्वरूप ‘वर्ष 1998 में सफल पोखरण परीक्षण’ संभव हुआ।

राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस पहली बार 11 मई 1999 को मनाया गया था। इसका उद्देश्य भारतीय वैज्ञानिकों, इंजीनियरों की वैज्ञानिक और तकनीकी उपलब्धियों का स्मरण करना है। इस दिन को यह नाम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने दिया था।
इस दिन हर साल भारतीय प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड भारत में विज्ञान और प्रौद्योगिकी में उनके योगदान के लिये व्यक्तियों को राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है।

महत्त्व
भारत ने 11 मई, 1998 को पोखरण में परमाणु बमों का सफलतापूर्वक परीक्षण किया था। परमाणु मिसाइल का राजस्थान में भारतीय सेना के पोखरण टेस्ट रेंज में परीक्षण किये गए। मई 1974 में पोखरण- I के ऑपरेशन स्माइलिंग बुद्धा के बाद आयोजित यह दूसरा परीक्षण था।
भारत ने पोखरण- II नामक एक ऑपरेशन में अपनी शक्ति-1 परमाणु मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया, जिसे ऑपरेशन शक्ति के रूप में जाना गया, जिसका नेतृत्व तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने किया था।
उसी दिन भारत ने त्रिशूल मिसाइल की सफल परीक्षण फायरिंग की और पहले स्वदेशी विमान ‘हंसा- 3 ’का परीक्षण किया।

कैसे मनाएं राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस
इस दिन को महान वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की उपलब्धियों का सम्मान कर सेलीब्रेट किया जा सकता है। सरकार विज्ञान और प्रौद्योगिकी के भविष्य पर चर्चा करने के लिए कार्यक्रमों और वार्ताओं का आयोजन करती है। लोग विज्ञान और प्रौद्योगिकी के बारे में सोशल मीडिया पर प्रासंगिक जानकारी साझा करके राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस में भाग ले सकते हैं।

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