रामपुर में राष्ट्रीय लोक अदालत: 15 जोड़ों ने तलाक के कगार पर आते हुए एक साथ रहने का लिया संकल्प

राष्ट्रीय लोक अदालत में विभिन्न मामलों का निस्तारण

रामपुर: उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के आदेशानुसार शनिवार को जिला जजी परिसर में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। इस लोक अदालत में मुख्य रूप से वैवाहिक विवादों, 125 CRPC मामलों और प्री-लिटिगेशन मामलों का निस्तारण किया गया। अजय कुमार त्रिपाठी, प्रधान न्यायाधीश पारिवारिक न्यायालय, रामपुर के नेतृत्व में कुल 21 वैवाहिक मामलों, 41 “125 CRPC” मामलों और 13 प्री-लिटिगेशन मामलों का समाधान किया गया। इन मामलों में जोड़ो के आपसी सुलह और समझौते के आधार पर फैसले लिए गए।

पारिवारिक विवादों में 15 जोड़ो का पुनर्मिलन
लोक अदालत के दौरान 15 ऐसे केस सामने आए, जहां शादियाँ टूटने के कगार पर थीं, लेकिन अजय कुमार त्रिपाठी के अथक प्रयासों से इन जोड़ो को पुनः एक साथ रहने के लिए राजी कर लिया गया। इन मामलों में शादियों के शुरुआती दिनों में सब कुछ ठीक था, लेकिन समय के साथ गलतफहमियों और आपसी विवादों के कारण तलाक तक मामला पहुँच गया था। इन जोड़ो ने कोर्ट में तलाक की अर्जी भी दाखिल की थी।

प्रधान न्यायाधीश की पहल से जुड़ाव और सुलह
प्रधान न्यायाधीश अजय कुमार त्रिपाठी ने इन 15 जोड़ो को एक साथ बैठाकर उनकी समस्याओं पर बातचीत की और सभी को समझाया। उनकी बातचीत और समझाइश से ये जोड़ें फिर से एक साथ रहने के लिए सहमत हो गए। इन जोड़ो को जनपद न्यायाधीश सत्य प्रकाश त्रिपाठी और अन्य न्यायिक अधिकारियों की उपस्थिति में एक-दूसरे को फूल माला पहनाकर राजीनामा कराया गया, जो इस पूरे प्रक्रिया का एक सकारात्मक परिणाम था।

इस लोक अदालत का आयोजन पारिवारिक विवादों को सुलझाने और लोगों को एक साथ रहने का मौका देने के लिए महत्वपूर्ण साबित हुआ।

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