National Fire Service Day 2024: महज कौशल प्रदर्शन का मंच नहीं बल्कि 66 अग्निशमन कर्मचारियों की शहादत है राष्ट्रीय अग्निशमन सेवा दिवस
14 अप्रैल 1944 को फोर्टस्टीकेन नामक मालवाहक जहाज में अचानक लगी थी आग
नई दिल्ली। तेज उठती लपटें और उनके बीच किसी के उजड़ते आशियाने को बचाने की हिम्मत फायरकर्मियों के लिए आसान नही होता है। वे हर दिन आग से खेलने का काम करते हैं। इस खतरनाक काम को अंजाम देते हुए उन्हें अपनी जान की भी फिक्र नही करते है। फिक्र करते है तो बस यह कि उस जलते मंजर या फिर उसमें धधकती जिंदगी को बचाने की। आग लगने वाली जगहों पर फायरमैन सिर्फ एक फोन कॉल पर दौड़ पड़ते हैं।
लेकिन आज के ही 1944 को जहाज की आग को बुझाते समय 66 अग्निशमन कर्मी आग की चपेट में आकर वीरगति को प्राप्त हुए थे। उनकी स्मृति में राष्ट्रीय अग्निशमन सेवा दिवस हर वर्ष 14 अप्रैल को मनाया जाता है।
इतिहास
14 अप्रैल, 1944 को मुम्बई बंदरगाह में फोर्टस्टीकेन नामक मालवाहक जहाज में अचानक आग लग गयी थी। इस जहाज में रूई की गांठें, विस्फोटक एवं युद्ध उपकरण भरे हुए थे। आग को बुझाते समय जहाज में विस्फोटक सामग्री होने के कारण 66 अग्निशमन कर्मी आग की चपेट में आकर वीरगति को प्राप्त हुए थे। इन शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने व अग्नि से बचाव के उपाय बताने के लिए देशभर में यह दिवस मनाया जाता है।
उद्देश्य
अग्निशमन दिवस के अंतर्गत नागरिकों को अग्नि से बचाव तथा सावधानी बरतने के सम्बंध में जागृत करने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। अग्नि सुरक्षा सप्ताह का उद्देश्य नागरिकों को अग्निकांडों से होने वाली क्षति के प्रति जागरूक करना तथा अग्निकांडों को रोकने एवं अग्नि से बचाव के उपायों के संबंध में शिक्षित करना है।
कैस मनाया जाता है राष्ट्रीय अग्निशमन सेवा दिवस
राष्ट्रीय अग्निशमन दिवस के दिन पूरे देश के अग्निशमन दल के जवान दो मिनट का मौन रखकर, शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। इसके अलावा 14 से 20 अप्रैल तक अग्नि सुरक्षा सप्ताह भी मनाया जाता है। सप्ताह के दौरान फायर ब्रिगेड द्वारा विभिन्न कारखानों, शैक्षणिक संस्थाओं, ऑइल डिपो आदि जगहों पर अग्नि से बचाव संबंधी प्रशिक्षण दिया जाता है। अग्निशमन सप्ताह के अंतर्गत नागरिकों को अग्नि से बचाव तथा सावधानी बरतने के संबंध में जागृत करने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते है। इसका उद्देश्य अग्निकांडों से होने वाली क्षति के प्रति नागरिकों को जागरूक करना होता है।