पवन कुमार बंसल
हरियाणा की राजनीति संस्कृति और गवर्नेंस पर मेरी किताब”हरियाणा के लालों के सब्रांगे किस्से से साभार”! जब भजन लाल ने राजीव गांधी को आदमपुर के देशी घी की जलेबियां खिलाई. किस्सा उन दिनों का है जब राजीव गांधी कांग्रेस के महासचिव थे और भजन लाल हरियाणा के मुख्यमंत्री. भजन लाल दल बदल कर कांग्रेस में आ तो गए थे लेकिन पुराने कांग्रेसी उनके पैर नहीं जमने दे रहे थे. एक दिन राजीव गांधी हेलीकॉप्टर से जाते हुए अंबाला रुके. भजन लाल ने उनके कुक से पता कर लिया था कि वे यात्रा के दौरान हल्का नाश्ता लेते हैं.बस आदमपुर के शुद्ध देशी घी की जलेबियां बनवाई एक गिलास गाय का शुद्ध दूध लिया गरम करवा उसमे बदाम पिश्ता और केसर डलवाया l गरमा गर्म जलेबी डाल राजू भय्या को दे दी l जलेबी का स्वाद लेते लेते राजीव गांधी ने कहा भजन लाल जी यह है आपके चेहरे की लाली का राज. भजन लाल भी एक नम्बर के हाजिर जवाब थे. बोले”जनाब जलेबी का लाली से कोई तालुक नहीं.जब तक जनाब की नजर ठंडी है तब तक चेहरे पर लाली रहेगी.जब जनाब की मेहरबानी नहीं होगी तो जलेबी का असर भी नहीं होगा. मनोहर लाल के चेहरे की लाली का राज भी मोदी की मेहरबानी है.दूमछला. अब इस किताब की सिल्वर जुबली है l जब किताब लिखी तब केवल बंसी लाल भजन लाल और देवीलाल थे. राजनीति के चतुर सुजान गुरु घंटाल मनोहर लाल तब कोई खास असर नहीं रखते थे. अब इसका नवीनतम संस्करण शीघ्र आ रहा है. इंग्लिश और हिंदी दोनों में l इसमें मनोहर लाल के किस्से भी होंगे.