ऋषिकेश, उत्तराखंड: मुज़फ़्फ़रनगर के आयुर्वेदीय चिकित्सक युवा वैद्य आशुतोष ने अपने आयुरगंगे परिवार के साथ मिलकर “अमृत कल्प” नामक राष्ट्रीय आयुर्वेद महोत्सव का भव्य आयोजन किया। इस दो दिवसीय कार्यक्रम में देशभर से 2000 से अधिक भावी और कार्यरत चिकित्सकों ने सहभागिता की।
महोत्सव के दौरान आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति के दो विश्वकीर्तिमान स्थापित किए गए। अग्निकर्म और विद्धकर्म योग्य विधि को एक साथ 1500 आयुर्वेदीय चिकित्सकों ने गुरु-शिष्य परंपरा के तहत संपन्न किया। इस उपलब्धि को इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया। इस अद्वितीय पहल का नेतृत्व आदरणीय वैद्य उदय तल्हार और वैद्य चंद्रकुमार देशमुख ने किया।
महोत्सव में देश के प्रतिष्ठित वक्ताओं ने आयुर्वेद चिकित्सा के विविध विषयों पर व्याख्यान दिए। इन वक्ताओं में शामिल थे:
- वैद्य नरेंद्र गुजराथी (जलगाँव)
- वैद्य राकेश अग्रवाल (मुज़फ़्फ़रनगर)
- वैद्य राजेश ठक्कर (अहमदाबाद)
- वैद्य प्रज्ञा आपटेकर (मुंबई)
- वैद्य योगी अमृत राज (ऋषिकेश)
- वैद्य रोहित गुजराथी (जलगाँव)
- वैद्य भूपेंद्र मणि त्रिपाठी (प्रयागराज)
- मुख्य अतिथि: वैद्य अक्षय चौहान (संस्थापक, चौहान आयुर्वेद हॉस्पिटल, नोएडा)
कार्यक्रम में उत्तर बस्ति, क्षारसूत्र निर्माण, रक्तमोक्षण, और इमरजेंसी में आयुर्वेद के उपयोग पर चिकित्सकों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया। वक्ताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के “हर दिन आयुर्वेद, हर घर आयुर्वेद” के लक्ष्य को साकार करने का संकल्प भी व्यक्त किया।
आयोजन को सफल बनाने में वैद्य हिमांशु चौधरी, वैद्य चिराग भारद्वाज, वैद्य संस्कार पांडे, वैद्य अर्जुन नंदा, वैद्य वर्षा यादव, वैद्य प्रिया बंसल, वैद्य एकता मलिक, वैद्य आकांक्षा गुप्ता, वैद्य विशाल शर्मा, वैद्य अंकिता सिंघल, और अन्य सहयोगियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
अमृत कल्प महोत्सव न केवल आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा देने में सफल रहा, बल्कि यह पूरे देश में आयुर्वेद की महत्ता को और सुदृढ़ करने का एक अभूतपूर्व प्रयास साबित हुआ।