थाना सिविल लाइन व चौकी कचहरी का स्टाफ, पत्थरबाजों को बचाने में जुटी पुलिस
घटना को 10 दिन बीत जाने के बाद भी,पुलिस ने गिरफ्तार नहीं किए पत्थरबाज
न्याय की देवी की आंखों से भले ही पट्टी हटा दी गई।
मुजफ्फरनगर पुलिस अपनी आंखों पर आज भी पट्टी बांधकर घूम रही है।
मुजफ्फरनगर : थाना सिविल लाईन प्रभारी व चौकी कचहरी प्रभारी सवालों के घेरे में, क्योंकि दोनों ही अधिकारी अपना कर्तव्य निभाने के लिए तैयार नहीं हैं। आपको बता दें कि 31 जनवरी की रात तकरीबन 10:40 मिनट पर, मुजफ्फरनगर के नाम चिन चौक, महावीर चौक पर एक व्यापारी के ऊपर दो बाईक सवार, बदमाशों ने पत्थरबाजी कर जान लेने की कोशिश की। जिसकी सूचना व्यापारी ने तुरंत 112 व लोकल पुलिस को दी। लेकिन पुलिस की कार्यवाही तो देखिए। पुलिस मौके पर आई, घटना में स्तेमाल पत्थरों की वीडियो बनाई, और पास की दुकान में लगे सीसीटीवी चैक करने का नाटक करते हुए कहा कि कोई पत्थरबाजी नहीं हुई। कैमरो में कुछ नहीं है। सब मनघडत कहानी है। ऐसी कोई घटना नहीं हुई और व्यापारी को ही उल्टा धमकाते और जेल भेजने की धमकी देते हुए। वहां से चलते बने। जब अगले दिन कचहरी चौकी इंचार्ज से घटना की रिपोर्ट दर्ज करने की बात कही तो चौकी इंचार्ज ने कहा, कोई पत्थरबाजी नहीं हुई। दुकानदार ने अपनी दुकान में खुद पत्थर लाकर रखें हैं। सब झूठी घटना है। और अपनी खुद की ओर से पत्थरबाजों को बचाने के लिए, एक झूठी कहानी सुनाते हुए चौकी इंचार्ज कहते है। कि दुकानदार का किसी से 20 रूपये को लेकर छोटा-सा झगड़ा हुआ था और वह पैसे दे गया था। इस के अलावा कोई घटना नहीं हुई है। जिसके बाद घटना के वक्त मौके पर मौजूद चश्मदीद का ब्यान सामने आता है। चश्मदीद के ब्यान के सामने आने के बाद,जैसे पुलिस के हाथ पैर फूल जाते हैं। और चौकी इंचार्ज एक बार फिर घटना स्थल पर पहुंचकर। पास की दुकान में फिर से कैमरे चैक करता है। और इस बार पत्थरबाजी की घटना का वीडियो मिल जाता है। इतना सब कुछ होने और देखने के बाद भी चौकी इंचार्ज की बेशर्मी कहें या पत्थरबाजों के साथ मिली भगत कहें। वीडियो देखने के बाद चौकी इंचार्ज बोलते है कि वीडियो में दो लोग नजर आ रहे हैं। बाईक भी नजर आ रही है।
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— khabrejunction (@khabrejunc59176) February 9, 2025
और वो लोग दुकान की ओर हाथ फैंकते नजर आ रहे हैं। लेकिन उनके हाथ में पत्थर नजर नहीं आ रहे हैं। जिसमें की वीडियो में पत्थरबाजी के दौरान दुकान पर मौजूद, चश्मदीद सेल्समैन पत्थरबाजी होते ही इधर-उधर भागते हुए वीडियो में साफ दिख रहा हैं। लेकिन पुलिस आंखों पर काला पट्टी बांधे बैठी है। और किसी भी हालत में। पत्थरबाजों को बचाने की जी तोड़ कोशिश कर रही।
विवाद बढ़ता देख मरे दिल से पुलिस ने घटना के चार दिन बाद मुकदमा दर्ज किया। लेकिन आज दस दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस अपने प्रिय पत्थरबाजों को ना पकड़कर। अपनी पहुंच से दूर होने का नाटक लगातार कर रही है। ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों को सीट पर बैठने का कोई अधिकार नहीं। जो पीड़ित की मदद के बजाए गुंडे बदमाशों का साथ दे रहे हैं। और उन्हें आगे किसी बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। सोचने वाली बात यह है कि पत्थरबाज घटना को अंजाम देकर खुलेआम घूम रहे हैं। और पीड़ित भगवान से दुआ कर रहा है। कि उसके साथ कोई बड़ी घटना न हो जाए। अब सवाल उठता है कि अगर पीड़ित व्यापारी के साथ, कोई घटना हो जाती है। और पत्थरबाज अब उसकी गोली मारकर हत्या कर देते हैं। तो इसका घटना का जिम्मेदार कौन होगा। मुजफ्फरनगर जिले के कप्तान साहब या सिविल लाईन थाना प्रभारी या फिर कचहरी चौकी इंचार्ज।
क्योंकि मुजफ्फरनगर पुलिस, दुकानदार से पहले ही बोल चुकी है। कि वो अपनी दुकान बंद करके मुजफ्फरनगर जिले से, कहीं और चला जाए। पुलिस उसकी कोई मदद नहीं कर सकती।