यूक्रेन-रूस संघर्ष में मॉल्डोवा ने भारतीय छात्रों को बचाने में की थी मदद: नवेद मियां
मॉल्डोवा दूतावास के शुभारंभ में शामिल हुए नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां
नई दिल्ली: पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां ने नई दिल्ली में मॉल्डोवा दूतावास के शुभारंभ के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में भाग लिया। इस अवसर पर भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर, मॉल्डोवा के विदेश मंत्री मिहाई पोपसाई और मॉल्डोवा की भारत में राजदूत एना तबान से उनकी मुलाकात हुई।
भारत-मॉल्डोवा संबंधों पर महत्वपूर्ण टिप्पणी
नवेद मियां ने कार्यक्रम के दौरान मॉल्डोवा और भारत के रिश्तों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि मॉल्डोवा, पूर्वी यूरोप में स्थित एक महत्वपूर्ण देश है, जो पश्चिम में रोमानिया और उत्तर, पूर्व और दक्षिण में यूक्रेन से घिरा हुआ है। भारत ने 1991 में मॉल्डोवा को मान्यता दी और 1992 में दोनों देशों ने राजनयिक संबंध स्थापित किए। उन्होंने यह भी बताया कि बहुपक्षीय मंचों पर आपसी हितों के मामलों पर दोनों देशों के संबंध मैत्रीपूर्ण और सौहार्दपूर्ण रहे हैं।
यूक्रेन-रूस संघर्ष के दौरान मॉल्डोवा की सहायता
नवेद मियां ने यूक्रेन-रूस संघर्ष के दौरान मॉल्डोवा की भूमिका की सराहना की। उन्होंने बताया कि संघर्ष की शुरुआत में मॉल्डोवा ने भारतीय छात्रों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने और उनकी मदद करने में अहम भूमिका निभाई थी। मॉल्डोवा में भारतीय चिकित्सा छात्रों की एक बड़ी संख्या है, और मॉल्डोवा की सरकार ने उन्हें संकट के समय में सहायता प्रदान की।
मॉल्डोवा दूतावास की स्थापना से नए रिश्तों की शुरुआत
नवेद मियां ने मॉल्डोवा दूतावास की स्थापना को दोनों देशों के बीच संबंधों का एक नया अध्याय बताया। उन्होंने कहा कि यह दूतावास दोनों देशों की मित्रता और सहयोग का प्रतीक बनेगा। इसके साथ ही, भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने उम्मीद जताई कि निकट भविष्य में मॉल्डोवा में भारतीय दूतावास की स्थापना की जाएगी, जो दोनों देशों के संबंधों को और भी मजबूत करेगा।
नवेद मियां का योगदान और उम्मीदें
पूर्व मंत्री नवेद मियां ने इस अवसर पर दोनों देशों के बीच कूटनीतिक और सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ाने में मॉल्डोवा की भूमिका को सराहा और भविष्य में इन संबंधों के और मजबूत होने की आशा जताई।