वायनाड (केरल)। केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन द्वारा घोषणा किए जाने के एक दिन बाद कि इस उत्तरी केरल जिले में भूस्खलन से विस्थापित लोगों के पुनर्वास के लिए एक टाउनशिप बनाई जाएगी, राज्य के उद्योग मंत्री पी राजीव ने रविवार को कहा कि इसके लिए एक मॉडल परियोजना तैयार की जाएगी और इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सभी क्षेत्रों से हाथ मिलाने की अपील की।
वायनाड कलेक्ट्रेट में बागान मालिकों और प्रतिनिधियों की एक बैठक में बोलते हुए राजीव ने कहा कि सरकार का लक्ष्य सभी के सहयोग से एक सुरक्षित टाउनशिप परियोजना स्थापित करना है।
मंत्री ने कहा कि पुनर्वास परियोजना को सरकार के संकट राहत कोष के माध्यम से क्रियान्वित किया जाएगा।
उन्होंने मुख्यमंत्री के संकट राहत कोष (सीएमडीआरएफ) के खिलाफ सोशल मीडिया अभियानों को भी “निराधार” करार दिया। उन्होंने कहा कि वित्त विभाग के सचिव इस कोष के प्रभारी हैं और हर एक रुपये का हिसाब है।
उन्होंने बताया, “यह निधि सीएजी ऑडिट के अधीन है और सूचना के अधिकार अधिनियम के दायरे में भी आती है।” मंत्री ने कहा कि सरकार ने भूमि राजस्व की संयुक्त आयुक्त और वायनाड की पूर्व जिला कलेक्टर ए गीता को उन लोगों के पुनर्वास के लिए उपयुक्त स्थान खोजने का काम सौंपा है, जिन्होंने अपने परिवार, मित्र, संपत्ति और आजीविका खो दी है और राहत शिविरों में रह रहे हैं। केरल के मुख्यमंत्री ने आज ही तलाशी अभियान फिर से शुरू करने के लिए सिद्धारमैया से व्यक्तिगत हस्तक्षेप की मांग की। इससे पहले दिन में विजयन ने अर्जुन के घर का दौरा किया और उसके परिवार के सदस्यों से बातचीत की।
बाद में फेसबुक पोस्ट में विजयन ने कहा कि अर्जुन को खोजने पर परिवार की चिंताओं से कर्नाटक सरकार को अवगत कराया जाएगा। उनसे संक्षिप्त मुलाकात के बाद विजयन वापस लौट आए और परिवार को आश्वासन दिया कि वह किसी भी कठिनाई में उनका साथ देंगे। 16 जुलाई को भूस्खलन के समय अर्जुन लकड़ी से लदा ट्रक लेकर कोझिकोड जा रहा था। तब से वह लापता है। उत्तर कन्नड़ जिले में भूस्खलन स्थल पर उसे खोजने के लिए कई एजेंसियों ने तलाशी अभियान चलाया था।