लातूर। महाराष्ट्र के लातूर जिले में हाईवे के किनारे पिछले कई महीनों से रह रही मानसिक रूप से अस्वस्थ महिला और उसकी 4 वर्षीय बेटी को कुछ युवकों ने उसके परिजनों से मिलवाया।
उन्होंने फरवरी में औरद-शाहजानी रोड पर महिला और बच्चे को देखा था और ऐसे लोगों के कल्याण के लिए काम करने वाले एक एनजीओ को सूचित किया था।
धर्म से उत्तरदायित्व के पदाधिकारी राहुल पाटिल चाकुरकर ने रविवार को पीटीआई को बताया, “हमने पाया कि महिला का बेटा शिरशी हंगरगा गांव में जिस स्थान पर बैठी थी, उससे करीब 100 मीटर दूर एक कुएं में डूब गया था। उसके पति की कुछ ही देर बाद मौत हो गई और इस परेशानी ने उसकी मानसिक स्थिति को प्रभावित किया। हमने उसे बुलढाणा जिले के वरवंद में दिव्य सेवा आवासीय पुनर्वास केंद्र की देखभाल में रखा।”
उन्होंने कहा, “केंद्र में कुछ महीनों तक उपचार के बाद महिला और उसकी बेटी हाल ही में निलंगा तहसील में अपने रिश्तेदारों से मिल गईं। उसका दूसरा बेटा, जिसने 12वीं की परीक्षा पास कर ली है और एक होटल में काम करता है, और 12 साल की बेटी बहुत खुश हैं।”