चौ. चरण सिंह एचएयू हिसार में भ्रष्टाचार और मानसिक उत्पीड़न की जांच के लिए सांसद कुमारी सैलजा को ज्ञापन
ऐलनाबाद : चौ. चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के प्राध्यापकों, वैज्ञानिकों और यूनियन पदाधिकारियों ने सांसद कुमारी सैलजा को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें विश्वविद्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार, बीजों की कालाबाजारी, और कर्मचारियों तथा छात्रों का मानसिक उत्पीड़न करने का आरोप लगाया गया। ज्ञापन में कहा गया कि मानसिक उत्पीड़न के कारण ही गोल्ड मेडलिस्ट वैज्ञानिक डॉ. दिव्या फोगाट की दुखद मृत्यु हुई।
डॉ. दिव्या फोगाट का मानसिक उत्पीड़न और मृत्यु
ज्ञापन में यह आरोप लगाया गया है कि डॉ. दिव्या फोगाट को बार-बार मानसिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ा। उन्हें कई अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन जैसे मेक्सिको और बांग्लादेश में जाने से रोका गया और उनकी जगह अन्य लोगों को भेजा गया। इसके अलावा, उन्हें बार-बार कारण बताओ नोटिस दिए गए और उनकी वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट को खराब किया गया। इस उत्पीड़न के कारण डॉ. फोगाट मानसिक तनाव में थीं, जिसके चलते उनकी मृत्यु हो गई।
भ्रष्टाचार और प्रशासनिक अनियमितताओं का आरोप
सांसद कुमारी सैलजा को सौंपे गए ज्ञापन में यह भी बताया गया कि चौ. चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति के कार्यकाल में विश्वविद्यालय में भ्रष्टाचार तेजी से बढ़ा है। विश्वविद्यालय में आरएसएस और सरकारी दखलंदाजी के कारण अनुसंधान और अन्य कार्यों में रुकावटें आ रही हैं। खास वर्ग के कर्मचारियों और वैज्ञानिकों का उत्पीड़न भी हो रहा है। इन सभी आरोपों से विश्वविद्यालय की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।
सांसद का मुख्यमंत्री को पत्र
सांसद कुमारी सैलजा ने इस मामले की निष्पक्ष जांच करवाने का आश्वासन दिया और मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को पत्र लिखकर मामले की जांच की मांग की है। पत्र में उन्होंने कहा कि चौ. चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय में उत्पीड़न और प्रशासनिक अनियमितताएं वैज्ञानिकों के मानसिक तनाव का कारण बन रही हैं, जिससे उनके कार्य और अनुसंधान पर नकारात्मक असर पड़ रहा है। उन्होंने सीएम से अपील की कि इस मामले में निष्पक्ष जांच करवाई जाए ताकि वैज्ञानिक बिना किसी दबाव के अपने कार्यों को आगे बढ़ा सकें।
निष्कर्ष
चौ. चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार में भ्रष्टाचार, मानसिक उत्पीड़न और प्रशासनिक अनियमितताओं के आरोप गंभीर हैं, और इस मामले में सांसद कुमारी सैलजा ने निष्पक्ष जांच की अपील की है। वैज्ञानिकों और कर्मचारियों के साथ हो रहे भेदभाव और उत्पीड़न को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने की मांग की गई है। यह जांच विश्वविद्यालय के कार्यप्रणाली में सुधार और कर्मचारियों की मानसिक स्थिति को बेहतर बनाने के लिए महत्वपूर्ण हो सकती है।