यूपी उपचुनाव में बसपा को मिली हार के बाद मायावती का बड़ा ऐलान, चुनाव आयोग पर उठाए आरोप”

लखनऊ: यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती ने राज्य की 9 सीटों पर हुए उपचुनाव में पार्टी को मिली करारी हार के बाद बड़ा ऐलान किया है। रविवार को मीडिया से बातचीत करते हुए मायावती ने कहा कि उनकी पार्टी अब देश में कोई भी उपचुनाव नहीं लड़ेगी। उन्होंने इसके साथ ही चुनाव आयोग (Election Commission of India) पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि आयोग फर्जी वोटिंग को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है।

मायावती ने कहा, “हमारी पार्टी ने यह फैसला किया है कि जब तक चुनाव आयोग देश में फर्जी वोट डालने की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम नहीं उठाता, तब तक हम किसी भी उपचुनाव में हिस्सा नहीं लेंगे।” उन्होंने कहा कि आम चुनावों में यह समस्या कुछ हद तक कम होती है, क्योंकि सत्ता परिवर्तन का डर सरकारी मशीनरी में होता है, लेकिन उपचुनावों में यह समस्याएं और भी बढ़ गई हैं।

खुल्लम-खुल्ला हो रही फर्जी वोटिंग
मायावती ने उपचुनावों के दौरान फर्जी वोटिंग के आरोप लगाते हुए कहा, “इस बार जो वोटिंग हुई और जो परिणाम आए, उसे लेकर आम लोगों में चर्चा है कि पहले बैलेट पेपर के जरिए चुनाव होते थे तो फर्जी वोट डाले जाते थे, लेकिन अब ईवीएम के जरिए भी यह काम हो रहा है।” उन्होंने दावा किया कि यह घटनाएं अब आम चुनावों के मुकाबले उपचुनावों में ज्यादा खुलकर हो रही हैं, जिससे लोकतंत्र को बड़ा खतरा हो सकता है।

मायावती ने उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के उपचुनावों का उदाहरण देते हुए कहा कि इन चुनावों में भी इसी तरह की चिंताएं व्यक्त की गई हैं। उन्होंने इसे देश के लोकतंत्र के लिए एक गंभीर चेतावनी करार दिया।

“बसपा नहीं लड़ेगी कोई उपचुनाव”
अपने बयान में मायावती ने कहा, “इस स्थिति को देखते हुए हमारी पार्टी ने यह तय किया है कि जब तक चुनाव आयोग फर्जी मतदान को रोकने के लिए सख्त कदम नहीं उठाता, तब तक हम यूपी समेत देशभर में किसी भी उपचुनाव में भाग नहीं लेंगे।”

यूपी उपचुनाव में NDA का दबदबा
गौरतलब है कि यूपी के 9 सीटों पर हुए उपचुनाव में बसपा के उम्मीदवारों को बड़ी हार का सामना करना पड़ा। इनमें से सात क्षेत्रों में बसपा तीसरे स्थान पर रही, जबकि दो सीटों पर वे आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) और एआईएमआईएम के उम्मीदवारों से भी पीछे रहे और पांचवे स्थान पर रही। इस चुनाव में एनडीए ने छह सीटों पर भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) और एक सीट पर रालोद (एनडीए गठबंधन) के साथ जीत दर्ज की। इससे यह साफ जाहिर होता है कि यूपी की जनता ने योगी आदित्यनाथ की सरकार के कामकाज को एक बार फिर से स्वीकार किया है।

 

 

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