2024 में स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़े बदलाव, इन दवाओं पर लगा प्रतिबंध

साल 2024 खत्म होने को है, और इस साल हेल्थ सेक्टर में कई महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं। सरकार ने सुरक्षा और जनता के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए कई दवाओं पर प्रतिबंध लगाया है, जिन्हें सेहत के लिए हानिकारक माना गया। इन दवाओं को बाजार से हटा लिया गया है, और स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस संबंध में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं।

156 दवाओं पर बैन
इस साल लगभग 156 दवाओं को बाजार से हटा लिया गया है। इनमें दर्द निवारक दवाओं से लेकर डायबिटीज और यूरिन इंफेक्शन से जुड़ी दवाएं शामिल हैं। सरकार ने इन दवाओं के घटक और प्रभावों का आकलन किया और स्वास्थ्य को खतरे से बचाने के लिए इन्हें प्रतिबंधित किया।

कंटेनिंग फेनेलफ्रीन पर बैन
इस साल जिन दवाओं पर प्रतिबंध लगाया गया है, उनमें एक प्रमुख नाम ‘कंटेनिंग फेनेलफ्रीन’ है। यह दवा आमतौर पर सर्दी, खांसी और नजला जैसी समस्याओं में इस्तेमाल की जाती है। हालांकि, अधिक मात्रा में इस दवा के सेवन से हार्ट से जुड़ी समस्याएं और ब्लड प्रेशर का बढ़ना जैसी समस्याएं हो सकती हैं। रिसर्च से यह बात भी सामने आई है कि यह दवा सेहत के लिए खतरनाक हो सकती है।

यूरिन इंफेक्शन की दवाएं हटाई गईं
स्वास्थ्य मंत्रालय ने यूरिन इंफेक्शन से जुड़ी कई दवाओं पर भी बैन लगाया है। इसमें विशेष रूप से ऑफलोक्सासिन और फ्लेवोजेट का मिश्रण शामिल है, जो यूरिन इंफेक्शन के इलाज में उपयोग होता था। अब यह दवाएं बाजार से हटा दी गई हैं।

पैरासिटामोल की हाई डोज पर एक्शन
इसके अलावा, स्वास्थ्य मंत्रालय ने पैरासिटामोल की हाई डोज वाली दवाओं पर भी प्रतिबंध लगाया है। ये दवाएं सामान्य तौर पर दर्द निवारक के रूप में उपयोग होती हैं, लेकिन उनकी अधिक खुराक से लिवर डैमेज और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।

फीमेल इनफर्टिलिटी दवाएं और विटामिन-डी
2024 में सरकार ने कुछ फीमेल इनफर्टिलिटी दवाओं पर भी बैन लगाया है। इसके साथ ही, विटामिन-डी की बहुत ज्यादा खुराक वाली दवाओं को भी बाजार से हटा लिया गया है। इन दवाओं का अत्यधिक सेवन सेहत पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है, खासकर हड्डियों और आंतरिक अंगों पर।

आंखों में इंफेक्शन और अन्य दवाएं
स्वास्थ्य मंत्रालय ने आंखों में इंफेक्शन के इलाज में उपयोग होने वाली कई दवाओं को भी बैन किया है। इनमें नेफ़ाज़ोलिन+क्लोरफेनिरामाइनमेलट, फिनाइलफ्राइन+हाइड्रॉक्सीप्रोपाइलमिथाइलसेलुलोज+बोरिक एसिड+मेन्थॉल+कपूर कॉम्बिनेशन जैसी दवाएं शामिल हैं। इसके अलावा, कुछ अन्य दवाएं जैसे क्लोरफेनिरामाइन मैलेट+सोडियम क्लोराइड+बोरिक एसिड+टेट्राहाइड्रोज़ोलिन को भी प्रतिबंधित किया गया है।

मल्टीविटामिन और एंटीबायोटिक्स पर प्रतिबंध
मिनरल्स और मल्टीविटामिन के कॉम्बिनेशन वाली कुछ दवाओं को भी बैन किया गया है। इसके साथ ही, “सीफीटीन” और “कोलिस्टिन” जैसी एंटीबायोटिक्स पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। इसके अलावा, माइग्रेन, पेट दर्द, एसिडिटी और उल्टी में उपयोग होने वाली कुछ दवाएं भी अब बाजार में उपलब्ध नहीं हैं।

निष्कर्ष
इस साल स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा उठाए गए ये कदम लोगों की सेहत की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए किए गए हैं। सरकार का उद्देश्य है कि दवाओं के सही उपयोग को सुनिश्चित किया जाए और किसी भी हानिकारक प्रभाव से बचा जा सके। इस तरह के प्रतिबंध दवाओं की गुणवत्ता और सेहत पर उनके प्रभाव को बेहतर बनाने के लिए आवश्यक हैं।

(इनपुट-आईएएनएस)

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