- मंजय वर्मा की रिपोर्ट
चमोली, उत्तराखंड: बद्रीनाथ धाम के पास माणा गांव में ग्लेशियर टूटने से भीषण हिमस्खलन हुआ, जिससे भारी तबाही मची है। इस हादसे में 57 मजदूर चपेट में आ गए, जिनमें से 10 को रेस्क्यू कर लिया गया है, जबकि 47 मजदूर अभी भी लापता हैं।
राहत और बचाव कार्य जारी
हादसे के तुरंत बाद स्थानीय प्रशासन, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और बीआरओ की टीमें मौके पर पहुंचकर बचाव अभियान में जुट गई हैं। खराब मौसम और भारी बर्फबारी के कारण राहत कार्यों में कठिनाई हो रही है, लेकिन बचाव दल लगातार लापता मजदूरों की तलाश कर रहा है।
बीआरओ कैंप को भी नुकसान
ग्लेशियर टूटने से सीमा सड़क संगठन (BRO) के कैंप को भी नुकसान पहुंचा है। बताया जा रहा है कि हिमस्खलन से निर्माण कार्य कर रहे मजदूरों पर बर्फ का भारी ढेर गिर गया, जिससे वे दब गए।
प्रशासन हाई अलर्ट पर
राज्य सरकार ने रेस्क्यू ऑपरेशन तेज करने के निर्देश दिए हैं।
स्थानीय प्रशासन को अलर्ट पर रखा गया है, ताकि और कोई बड़ा हादसा न हो।
परिवारों को सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह दी गई है।
मुख्यमंत्री ने जताया दुख, केंद्र से मदद की अपील
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है और केंद्र सरकार से आपदा प्रबंधन के लिए अतिरिक्त सहायता भेजने की अपील की है।
स्थानीय लोग भी मदद के लिए आगे आए
माणा गांव के स्थानीय लोग बचाव दलों की मदद कर रहे हैं और बर्फ में दबे मजदूरों को निकालने के प्रयास जारी हैं।
इस हादसे से पूरा क्षेत्र दहशत में है, और प्रशासन हर संभव प्रयास कर रहा है कि लापता मजदूरों को जल्द से जल्द सुरक्षित बाहर निकाला जाए।