Maharashta: मराठा आरक्षण कार्यकर्ता गांव में पथराव, हिरासत में लिए गए दो लोग; 20 अन्य के खिलाफ मामला दर्ज
महाराष्ट्र के बीड जिले में मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे के गांव में कुछ लोगों ने नारेबाजी की और पथराव किया। जिसके बाद पुलिस ने दो लोगों को हिरासत में लिया। 15 से 20 अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
क्या हुआ पूरा मामला
उन्होंने बताया कि यह घटना गुरुवार की रात मटोरी गांव में हुई। जिसके बाद अधिकारियों ने शांति बनाए रखने के लिए वहां राज्य के रिजर्व पुलिस बल की एक टुकड़ी को तैनात किया। यह घटनारात आठ बजे तब हुई, जब आसपास के गांवों के कुछ लोग ओबीसी आरक्षण आंदोलनकारी लक्ष्मण हाके और नवनाथ वाघमारे की रैली में भाग लेने के लिए वहां से गुजर रहे थे।
दो लोगों को हिरासत में लिया गया
अधिकारी ने बताया कि इस दौरान कुछ लोगों ने नारेबाजी की। जिसके बाद बस स्टैंड के पास पथराव हुआ। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं पाया कि नारेबाजी किसने शुरू की और किसने पथराव किया। उन्होंने बताया कि बढ़ते तनाव के बीच मौके पर पुलिस ने दखल दिया और दो लोगों को हिरासत में ले लिय। बीड जिले के चकलंबा पुलिस थाने में 15-20 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। उन्होंने बताया कि मटोरी गांव में स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है।
क्या है मनोज जरांगे की मांग
जरांगे उस मसौदा अधिसूचना को लागू करने की मांग कर रहे हैं, जो कुनबी समुदाय को मराठा समुदाय के ‘सगे सोयारे’ (खून का रिश्ता) के रूप में मान्यता दे। कुनबी समुदाय अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी में आता है। जरांगे मांग कर रहे हैं कि सभी मराठों को कुनबी प्रमाण पत्र जारी किए जाएं, ताकि वे आरक्षण का लाभ लेने के लिए पात्र हो सकें।
जरांगे की मांग का विरोध
हालांकि, ओबीसी कार्यकर्ता लक्ष्मण हाके और नवनाथ हाके मराठा समुदाय को कुनबी प्रमाण पत्र जारी करने की जरांगे की मांग का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि राज्य सरकार को ऐसा कोई भी फैसला नहीं लेना चाहिए, जो ओबीसी को प्रभावित करे। जरांगे ने पिछले हफ्ते एकनाथ शिंदे सरकार पर मराठा और ओबीसी समुदाय के बीच तनाव पैदा करने का आरोप लगाया था।