मुंबई। इस साल के पहले छह महीनों में महाराष्ट्र में कुल 1,267 किसानों ने आत्महत्या की है, जिसमें राज्य के विदर्भ क्षेत्र के अमरावती संभाग में 557 मौतें हुई हैं।
राज्य सरकार की रिपोर्ट में जनवरी से जून के आंकड़ों के अनुसार, छत्रपति संभाजीनगर संभाग 430 मौतों के साथ दूसरे स्थान पर रहा, इसके बाद नासिक संभाग में 137, नागपुर संभाग में 130 और पुणे संभाग में 13 मौतें हुईं। तटीय कोंकण संभाग में किसी की मौत की सूचना नहीं मिली।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार, 2022 में, देश में किसानों की आत्महत्याओं में से 37.6 प्रतिशत के साथ महाराष्ट्र सबसे आगे रहा।
एनसीआरबी ने कहा कि 2022 में कृषि क्षेत्र से जुड़े 11,290 लोगों ने आत्महत्या की, जिनमें 5,207 किसान या खेतिहर और 6,083 खेतिहर मजदूर शामिल हैं। यह देश में कुल आत्महत्याओं का 6.6 प्रतिशत है, जो 1,70,924 है।
2021 में, खेती से जुड़े 10,881 लोगों ने आत्महत्या की, जिनमें 5,318 किसान और 5,563 खेतिहर मजदूर शामिल हैं, जिनमें से 37.3 प्रतिशत मौतें महाराष्ट्र में हुईं।
एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार, 2021 में कुल 1,64,033 लोगों ने आत्महत्या की और खेती से जुड़े लोगों की संख्या 6.6 प्रतिशत थी।
2020 में, कृषि क्षेत्र में कुल 10,677 व्यक्तियों (5,579 किसान या कृषक और 5,098 कृषि मजदूर) ने आत्महत्या की, जो देश भर में हुई 1,53,052 मौतों का 7 प्रतिशत था।
2020 में हुई मौतों में महाराष्ट्र का योगदान 37.5 प्रतिशत था।
संयोग से, महाराष्ट्र देश के सकल घरेलू उत्पाद में सबसे अधिक योगदान देने वाला राज्य भी है।