डीएम निधि श्रीवास्तव ने किया प्राथमिक विद्यालयों का औचक निरीक्षण, शिक्षा स्तर और मध्यान्ह भोजन को लेकर जताई नाराजगी

बदायूँ, 09 दिसंबर। जिलाधिकारी निधि श्रीवास्तव ने सोमवार को जिले के प्राथमिक विद्यालयों का औचक निरीक्षण किया और वहां के शिक्षा स्तर, साफ-सफाई और मध्यान्ह भोजन की गुणवत्ता की जांच की। उन्होंने बच्चों से किताबें पढ़वाई और शिक्षा से संबंधित सवाल पूछे। साथ ही, विद्यालयों में बच्चों और अध्यापकों की उपस्थिति का भौतिक सत्यापन किया।

निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने मध्यान्ह भोजन मेनू के अनुसार न बनने पर अपनी नाराजगी व्यक्त की और इस मामले में कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी। उन्होंने बच्चों की उपस्थिति में कमी पर भी गहरी चिंता व्यक्त की और अध्यापकों को शत प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

जिलाधिकारी ने सबसे पहले प्राथमिक विद्यालय सराय नाहर खा नंबर एक का निरीक्षण किया, जहां पंजीकृत 52 बच्चों में से 32 बच्चे उपस्थित थे। विद्यालय के प्रधानाध्यापक तो मौजूद थे, लेकिन शिक्षामित्र आकस्मिक अवकाश पर थीं। इसके बाद उन्होंने सराय नाहर खान नंबर 2 का निरीक्षण किया, जहां पंजीकृत 25 बच्चों में से 14 बच्चे उपस्थित पाए गए। यहां प्रधानाध्यापिका चिकित्सा अवकाश पर थीं।

इसके बाद उन्होंने ऊपर पारा नगर क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय का निरीक्षण किया, जहां पंजीकृत 50 बच्चों में से 19 बच्चे उपस्थित थे। यहां प्रधानाध्यापिका उपस्थित मिलीं। अंत में, लालपुल नगर क्षेत्र के विद्यालय का निरीक्षण किया, जहां पंजीकृत 43 बच्चों में से 24 बच्चे उपस्थित पाए गए। प्रधानाध्यापिका यहां भी मौजूद थीं।

जिलाधिकारी ने बच्चों की कम उपस्थिति पर कड़ी नाराजगी जताई और कहा कि बच्चों की शत प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित की जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि राज्य सरकार द्वारा प्रदान की गई यूनिफॉर्म और अन्य निशुल्क सामग्री बच्चों तक सही ढंग से पहुंचाई जाए।

इसके साथ ही, उन्होंने विद्यालयों में साफ-सफाई की समुचित व्यवस्था और मध्यान्ह भोजन को मेनू के अनुसार बनाने के लिए निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने कहा, “इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।” उन्होंने बच्चों से शिक्षा संबंधी सवाल पूछे और किताबें पढ़वाईं, लेकिन शिक्षा स्तर अपेक्षाकृत कम नजर आया, जिस पर उन्होंने अध्यापकों से बच्चों को पूरी लगन से पढ़ाने की अपील की।

इस निरीक्षण के दौरान अध्यापक और बच्चे भी मौजूद रहे। जिलाधिकारी ने कहा, “बच्चे हमारे देश का भविष्य हैं, इनकी शिक्षा और स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। बच्चों का सर्वप्रथम अधिकार हमारे संसाधनों पर है।”

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