यूपी की सियासत में पल्लवी पटेल को क्या एक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है?

धरना समाप्त होने के बाद अब क्या होगा पल्लवी पटेल का रुख?

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की सियासत में इन दिनों एक नई राजनीतिक हलचल देखने को मिल रही है। योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री आशीष पटेल पर आरोप लगाने के बाद पल्लवी पटेल धरने पर बैठ गई थीं। हालांकि, कल रात पल्लवी पटेल ने धरना समाप्त कर दिया, लेकिन अब यह देखना बाकी है कि आज उनका क्या रुख होगा।

डीपीसी के मुद्दे पर नया मोड़:

डीपीसी (डिपार्टमेंटल प्रमोशन कमेटी) के मुद्दे पर अब कमेटी का पत्र सामने आने के बाद इस मामले में पूरी सियासत पलट गई है। इस पत्र के बाद आरोपों में बदलाव आया है, जिससे मामला और जटिल हो गया है। इस बीच, आशीष पटेल ने पहले ही सीबीआई से जांच करवाने और मामले में इस्तीफा देने की धमकी दी थी। ऐसे में अब यह देखना होगा कि इस मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का रुख क्या होगा।

मुख्यमंत्री का रुख और सियासी समीकरण:

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का रुख इस मुद्दे पर बहुत महत्वपूर्ण हो गया है। आज के घटनाक्रम से यह साफ हो जाएगा कि पल्लवी पटेल इस मुद्दे पर किस दिशा में सियासत करती हैं और क्या इस विवाद में कोई नया मोड़ आता है।

अपना दल(S) का आरोप – पल्लवी पटेल को एक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है:

इस विवाद पर अपना दल (एस) के नेताओं का कहना है कि पल्लवी पटेल को पर्दे के पीछे किसी और के द्वारा राजनीति में एक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। पार्टी के नेताओं ने यह भी कहा कि पल्लवी पटेल ने इस सियासी विवाद के कारण अपने परिवार को बहुत नुकसान पहुंचाया है।

राजनीतिक माहौल में उठते सवाल:

यह मुद्दा अब यूपी की राजनीति में और भी गंभीर हो गया है, और यह देखना होगा कि आने वाले दिनों में इस विवाद पर क्या नया मोड़ आता है। पल्लवी पटेल की भूमिका इस पूरे घटनाक्रम में क्या होगी, यह सियासत के लिए बड़ा सवाल बन चुका है।

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