लखनऊ: उत्तर प्रदेश के 24 प्रांतीय पुलिस सेवा (PPS) संवर्ग के अधिकारियों को भारतीय पुलिस सेवा (IPS) में प्रोन्नति मिल गई है, जिस पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी मुहर लगा दी है। 7 अक्टूबर को संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) और शासन के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में विभागीय प्रोन्नति समिति (DPC) की बैठक में इन अधिकारियों के नाम पर सहमति बनी थी। अब इन 24 अधिकारियों को आईपीएस बनने के लिए हरी झंडी मिल गई है।
आईपीएस काडर में प्रोन्नत किए गए अफसरों में राकेश कुमार सिंह, लाल भरत कुमार पाल, रश्मि रानी, सुभाष चंद्र गंगवार, विश्वजीत श्रीवास्तव, चिरंजीव नाथ सिन्हा, और मनोज कुमार सिंह जैसे नाम शामिल हैं।
डीपीसी बैठक में 1995-96 बैच के अधिकारियों के नाम पर विचार
वर्ष 1995 और 1996 बैच के पीपीएस अधिकारियों के नाम पर डीपीसी बैठक में विचार किया गया था। हालांकि, एक अधिकारी के खिलाफ जांच प्रचलित होने के कारण उनका मामला फिलहाल लंबित है। वर्तमान में आईपीएस काडर में प्रोन्नति के लिए 24 पद रिक्त थे, जिनके लिए इन अधिकारियों के नाम का प्रस्ताव संघ लोक सेवा आयोग को भेजा गया था।
ये PPS अफसर बने IPS:
बाराबंकी में चिरंजीव नाथ सिन्हा, लखनऊ में विश्वजीत श्रीवास्तव, शाजाहापुर में मनोज कुमार अवस्थी, बुलंदशहर में रोहित मिश्रा, पीटीएस में शिव राम यादव, देवरिया में दीपेंद्र नाथ चौधरी, एएनटीएफ में बृजेश कुमार गौतम, गाज़ियाबाद में आनंद कुमार, वाराणसी में ममता रानी चौधरी, और सीबीसीआईडी में अजय कुमार सिंह का नाम शामिल है।
33% पदों पर ही पीपीएस को मिलता है प्रोन्नति का मौका
यूपी में आईपीएस काडर के 33% पदों को पीपीएस के माध्यम से भरा जाता है। वहीं, जिनकी उम्र 56 वर्ष से अधिक हो जाती है, उनके नाम प्रोन्नति के लिए नहीं भेजे जाते हैं। वर्ष 2019 में प्रस्तावित काडर रिव्यू में देरी के बाद वर्ष 2022 में यह प्रक्रिया पूरी हुई थी।