नई दिल्ली। शुक्रवार को लोकसभा ने वक्फ (संशोधन) विधेयक की समीक्षा के लिए सदनों की एक संयुक्त समिति के लिए अपने 21 सदस्यों के नाम की घोषणा की। इस समिति में राज्यसभा के भी 10 सदस्य शामिल होंगे।
इस समिति को अगले संसद सत्र के पहले सप्ताह के अंतिम दिन तक अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है।
लोकसभा में संसदीय मामलों और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने प्रस्ताव रखा कि वक्फ (संशोधन) विधेयक को लोकसभा के 21 और राज्यसभा के 10 सदस्यों वाली संयुक्त समिति के पास भेजा जाए।
विधेयक के परिचय और बहस
विधेयक को गुरुवार को लोकसभा में पेश किया गया था और एक गर्मागर्म बहस के बाद संयुक्त संसदीय समिति के पास भेज दिया गया। इस दौरान सरकार ने दावा किया कि प्रस्तावित कानून का उद्देश्य मस्जिदों के कामकाज में हस्तक्षेप करना नहीं है, जबकि विपक्ष ने इसे मुसलमानों को लक्षित करने और संविधान पर हमला करार दिया।
समिति का उद्देश्य
समिति का मुख्य उद्देश्य वक्फ (संशोधन) विधेयक का विस्तार से अध्ययन करना है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह सभी संबंधित पक्षों के हितों को संतुलित करता है और संविधान के सिद्धांतों के अनुरूप है।
समिति की संरचना
संयुक्त समिति में लोकसभा के 21 सदस्य और राज्यसभा के 10 सदस्य होंगे, जो विधेयक की गहन समीक्षा करेंगे और उस पर अपनी सिफारिशें प्रस्तुत करेंगे।
यह समिति सुनिश्चित करेगी कि विधेयक का मसौदा तैयार करने और लागू करने में किसी भी समुदाय के अधिकारों और धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन न हो।
इससे पहले, विधेयक को लेकर संसद में तीखी बहस हुई थी, जिसमें सरकार ने अपने दृष्टिकोण की रक्षा की और विपक्ष ने विधेयक को अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ बताया।
संयुक्त समिति के गठन के साथ, यह उम्मीद की जा रही है कि वक्फ (संशोधन) विधेयक का संतुलित और निष्पक्ष अध्ययन होगा, जिससे सभी संबंधित पक्षों की चिंताओं को उचित समाधान मिल सकेगा।