रामपुर। मिथिलापुर में राजा जनक ने अपनी पुत्री सीता के विवाह के लिए स्वयंवर रचाया। स्वयंवर में देश विदेश के राजा बुलाए गए। लेकिन, कोई भी राजा धनुष तोड़ने की बात तो दूर उसे हिला तक न पाया। इस पर मिथिला नरेश निराश हो गए। उन्होंने कहा कि लगता है कि पृथ्वी वीरों से खाली है। मिथिला नरेश के यह बोल सुनकर भगवान श्रीराम से रहा न गया। उन्होंने गुरु की आज्ञा पाकर धनुष भंजन कर दिया। धनुष टूटते ही मिथिला नगर में खुशियां मनाई जाने लगीं। जानकी ने श्रीराम के गले में जयमाल डाल दी। देवताओं ने आसमान से पुष्प वर्षा की। आधी रात तक हुए मनमोहक मंचन का दर्शक आनंद लेते रहे।
बुधवार को कोसी मार्ग स्थित रामलीला मैदान पर अतिथियों डॉक्टर अनिल कुमार, शरद गुप्ता और सुभाष चन्द्र शर्मा ने रामलीला मंचन का उद्घाटन किया। कमेटी की ओर से अतिथियों को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया।
मथुरा के कलाकारों ने माँ गौरी पूजन, धनुष यज्ञ, रावण-वाणासुर सम्वाद, जनक जी द्वारा धनुष प्राप्ति, धनुष भंजन का मंचन किया। इस दौरान कमेटी अध्यक्ष विष्णु शरण अग्रवाल, महामंत्री वीरेंद्र गर्ग, सुनील कुमार गोयल सोनी ताऊ, सुभाष चन्द्र अग्रवाल ठेकेदार, गौरव जैन, वेद प्रकाश वर्मा, निर्भय कुमार गर्ग, कमलेश कुमार अग्रवाल , इंजी. शैलेन्द्र कुमार गोयल, राम प्रताप सर्राफ, विनीत कुमार अग्रवाल, हरिओम गुप्ता, रविन्द्र कुमार मिश्रा, हरीश चन्द्र अग्रवाल ठेकेदार, ईश्वर सरन अग्रवाल, अरविन्द कुमार अग्रवाल, डा० सौरभ गुप्ता, डा० अजय कुमार अग्रवाल, श्याम कृष्ण शर्मा, अनिल कुमार चौरसिया, शांति शरण राठौड़, मनोज कुमार अग्रवाल, संजय अग्रवाल, पंकज गर्ग, सुदर्शन लाल गुप्ता, विनोद कुमार गुप्ता ठेकेदार, मनोज कुमार अग्रवाल, जुगेश अरोरा कुक्कू, अनिल वशिष्ठ, अरूण कुमार अग्रवाल, राजीव सरन गर्ग, नितिन कुमार सर्राफ, श्रीराम अग्रवाल, डॉ. सुमित कुमार गोयल आदि मौजूद रहे।